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    Skyroot Aerospace: स्काईरूट ने किया विक्रम रॉकेट के दूसरे चरण का परीक्षण, जल्द ही उपग्रह प्रक्षेपित करने की जताई उम्मीद

    Updated: Fri, 29 Mar 2024 04:00 AM (IST)

    अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित स्टार्टअप और रॉकेट लॉन्च करने वाली भारत की पहली प्राइवेट कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण का सफल परीक्षण किया है। कंपनी ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि इस वर्ष के अंत तक इसकी मदद से एक उपग्रह को कक्षा में स्थापित भेजा जाएगा। कंपनी के बयान के अनुसार विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण को कलाम-250 नाम दिया गया है।

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    भारत की पहली प्राइवेट कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण का सफल परीक्षण किया है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। अंतरिक्ष क्षेत्र से संबंधित स्टार्टअप और रॉकेट लॉन्च करने वाली भारत की पहली प्राइवेट कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण का सफल परीक्षण किया है। कंपनी ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि इस वर्ष के अंत तक इसकी मदद से एक उपग्रह को कक्षा में स्थापित भेजा जाएगा।

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    कंपनी के बयान के अनुसार, विक्रम-1 रॉकेट के दूसरे चरण को कलाम-250 नाम दिया गया है। कलाम-250 हाई पावर कार्बन मिश्रित रॉकेट मोटर है। यह रॉकेट को वायुमंडलीय चरण से बाहरी अंतरिक्ष के वैक्यूम तक ले जाएगा। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कलाम-250 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह परीक्षण 85 सेकंड तक चला।

    गौरतलब है कि रॉकेट में चार चरण होते हैं। कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन चंदना ने कहा, यह भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए मील का पत्थर हैज्। यह भारतीय प्राइवेट क्षेत्र द्वारा डिजाइन और निर्मित अब तक की सबसे बड़ी प्रणोदन प्रणाली का सफल परीक्षण है। सभी परीक्षण मानक के अनुरूप रहे। इस उपलब्धि से हम विक्रम-1 रॉकेट के आगामी प्रक्षेपण के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं। स्काईरूट ने नवंबर 2022 में विक्रम-एस का परीक्षण किया था और इसके साथ ही वह 'सब-आर्बिटल' रॉकेट प्रक्षेपित करने वाली भारत की पहली प्राइवेट कंपनी बनी।