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    Tamil Nadu: फर्जी NCC शिविर में यौन शोषण मामले की जांच करेगी एसआइटी, राष्ट्रीय महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 22 Aug 2024 06:52 AM (IST)

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कृष्णागिरि जिले में फर्जी एनसीसी शिविर में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने ...और पढ़ें

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    फर्जी NCC शिविर में यौन शोषण मामले की जांच करेगी एसआइटी

    पीटीआई, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कृष्णागिरि जिले में फर्जी एनसीसी शिविर में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने बताया कि वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी के भवनेश्वरी एसआइटी का नेतृत्व करेंगी।

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    मुख्यमंत्री ने उन्हें मामले की जांच में तेजी लाने और 60 दिनों के भीतर आरोप-पत्र दायर करने का काम सौंपा है। स्टालिन ने ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए उपाय सुझाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की टीम गठित करने का भी निर्देश दिया है।

    एक छात्रा का यौन उत्पीड़न किया गया

    समाज कल्याण विभाग की सचिव जयश्री मुरलीधरन इस टीम का नेतृत्व करेंगी और इसमें अन्य लोगों के अलावा पुलिस और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले के बरगुर में फर्जी एनसीसी शिविर में आठवीं कक्षा की एक छात्रा का यौन उत्पीड़न किया गया था, जिसके बाद इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

    फर्जी प्रशिक्षण शिविर संचालित किए जा रहे

    इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इसी तरह के और भी फर्जी प्रशिक्षण शिविर संचालित किए जा रहे हैं। एएनआइ के अनुसार, फर्जी एनसीसी शिविर में एक छात्रा से दुष्कर्म और 12 छात्राओं के यौन शोषण मामले का राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है।

    आयोग ने डीजीपी को मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस और राज्य सरकार से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है।

    डीजीपी ने दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी

    वहीं, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी मामले को स्वत: संज्ञान में लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तमिलनाडु को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें एफआइआर की स्थिति और पीड़ितों के स्वास्थ्य और उनकी काउंसलिंग की स्थिति शामिल होने की अपेक्षा है।