यूपी, पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में बढ़ी SIR की समय सीमा, क्या है वजह?
उत्तर प्रदेश और बंगाल समेत 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की समय सीमा बढ़ाई गई है। चुनाव आयोग स्थानांतरित मतदाताओं को खोजने के लिए विशेष अभियान चलाएगा। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम करेंगे। मसौदा मतदाता सूची 16 दिसंबर को और अंतिम सूची 14 फरवरी को प्रकाशित होगी।

12 राज्यों में SIR की समय सीमा बढ़ी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और बंगाल सहित 12 राज्यों में मतदाता सूची के चल रहे विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) के लिए बढ़ाए एक हफ्ते के समय में अब उन मतदाताओं की खोज के लिए एक विशेष अभियान चलेगा, जो स्थानांतरित हो चुके हैं और अपने पतों पर नहीं मिल रहे हैं।
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) के साथ मिलकर बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) को बार फिर से ऐसे मतदाताओं की खोज के लिए अभियान चलाने को कहा है।
12 राज्यों में SIR की समय सीमा बढ़ी
आयोग का कहना है कि इससे मतदाता सूची में यदि किसी का नाम कट रहा है तो उसे समय रहते ठीक किया जा सकेगा।आयोग ने साफ किया है कि एसआइआर वैसे तो चार दिसंबर तक पूरा हो जाएगा, क्योंकि अब तक 88.31 प्रतिशत भरे हुए गणना प्रपत्र डिजिटाइज्ड हो चुके हैं।
स्थानांतरित मतदाताओं की खोज होगी
अब सभी 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पांच से 11 दिसंबर तक सिर्फ स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं की नए सिरे से खोज की जाएगी। एसआइआर की बढ़ी हुई अवधि के बाद अब मसौदा मतदाता सूची 16 दिसंबर को और अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 14 फरवरी को होगा।
किस राज्यों में कितने प्रतिशत गणना फार्म हुए डिजिटलाइज्ड


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