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    SIR को लेकर दो सौतनों में लड़ाई! पति बोला- 'ममता और मरजीना दोनों ही चाहिए', BLO परेशान

    By JAY KRISHNA BAJPAYEEEdited By: Garima Singh
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 11:32 PM (IST)

    कोलकाता से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहाँ मतदाता सूची के पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान एक व्यक्ति की दो पत्नियों के बीच विवाद हो गया। मुर्शिदाबाद जिले में सुकुर मंडल की दो पत्नियाँ हैं, और दोनों ही गणना फार्म में अपना नाम लिखवाना चाहती हैं। पति के असमर्थ होने और चुनाव आयोग के निर्देशों का इंतजार होने के कारण बीएलओ दुविधा में हैं।

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    SIR को लेकर दो सौतनों में लड़ाई

    जयकृष्ण वाजपेयी, कोलकाता। मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) एक तरफ जहां वर्षों से बिछड़ों को अपनों से मिला रहा है। उपेक्षित माता-पिता से मिलने को बच्चों को मजबूर कर रहा है, घुसपैठियों को सीमापार भागने को विवश कर रहा है।

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    वहीं, दूसरी ओर दो सौतनों को लड़ा भी रहा है। यह मामला बांग्लादेश की सीमा से सटे बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का है। जानकारी के मुताबिक जिले के डोमकल के चोआपाड़ा के निवासी सुकुर मंडल की दो पत्नियां हैं। जिनके नाम ममता बीबी और मरजीना बीबी है।

    मतदाता सूची पुनरीक्षण से दो पत्नियों में विवाद

    यहां SIR के गणना फार्म वापस लेते समय बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) नजमुन्नेसां खातून के लिए अजीब स्थिति पैदा हो गई है। सुकुर की दोनों पत्नियों ने मांग की कि पति के गणना फार्म में पत्नी के नाम की जगह पर उनके नाम लिखे जाएं, लेकिन फार्म में सिर्फ एक ही नाम लिखा जा सकता है।

    पति चाहता है दोनों पत्नियों का नाम

    सुकुर अभी काम की वजह से केरल में हैं। सुकुर को जब फोन किया गया तो उसका कहना है कि अगर गणना फार्म में दोनों पत्नियों में से किसी एक का नाम लिखा, तो दूसरी नाराज हो जाएगी। वह ऐसा किसी भी तरह से नहीं चाहते हैं। या तो दोनों के नाम लिखे जाएं या गणना फार्म से पत्नी वाला स्थान हटा दिया जाए। अब बीएलओ नजमुन्नेसां इस समस्या को लेकर दुविधा में हैं।

    चुनाव आयोग के निर्देश का इंतजार

    बीएलओ ने इस बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को पहले ही बता दिया है, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से कोई निर्देश नहीं है। इसलिए वे भी कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। डोमकल बीडीओ पार्थसारथी मंडल ने कहा कि जो सवाल उठाया गया है, वह सही है, लेकिन सच कहूं तो मेरे पास भी इसका सही जवाब नहीं है। हम इंतजार करेंगे कि आयोग का क्या निर्देश आता है।