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    पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन, मूर्तिकार सुदर्शन साहू, गायक एसपी बालासुब्रमण्यम को दिया गया पद्म पुरस्कार

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 09 Nov 2021 09:41 PM (IST)

    असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान तीनों को मरणोपरांत पद्म भूषण पु ...और पढ़ें

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    पा‌र्श्व गायक एसपी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रपति भवन में मंगलवार का आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने वयोवृद्ध मूर्तिकार सुदर्शन साहू और लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत 60 लोगों को साल 2021 के लिए पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। ओडिशा के रहने वाले साहू को कला के क्षेत्र में उनके असाधारण सेवा के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। कर्नाटक के रहने वाले वयोवृद्ध चिकित्सक और शिक्षाविद् डा. बेले मोनप्प हेगड़े और पुरातत्वविद् प्रो. ब्रज बासी लाल को भी पद्म विभूषण पुरस्कार प्रदान किया गया है।

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    भारत की पहली आठ बार महिला सांसद रहीं और लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन और भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी नृपेंद्र मिश्र को क्रमश: सार्वजनिक जीवन और नागरिक सेवा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट सेवा के लिए पद्म भूषण पुरस्कार प्रदान किया गया है।

    राष्ट्रपति ने वर्ष 2021 के लिए 60 लोगों को प्रदान किए पद्म पुरस्कार

    असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान तीनों को मरणोपरांत पद्म भूषण पुरस्कार दिया गया है। इनके परिवार के सदस्यों ने पुरस्कार ग्रहण किए। शिंजो एबी समेत सात लोग नहीं आ सके पुरस्कार लेने जापान के सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे शिंजो एबी और ब्रिटेन के जाने-माने थियेटर और फिल्म निर्देशक पीटर ब्रूक पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले उन सात लोगों में शामिल थे जो पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके। इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एबी को पद्म विभूषण और ब्रूक को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करने का एलान किया गया था।

    राष्ट्रपति भवन में पा‌र्श्व गायक एसपी बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत) को पद्म विभूषण, गायिका केएस चित्रा को पद्म भूषण, कर्नाटक जनपद अकादमी की पहली ट्रांसजेंडर अध्यक्ष मंजम्मा जोगाठी को पद्म श्री, जाने- माने कोच ओम नांबियार (मरणोपरांत) को पद्म श्री, वयोवृद्ध टेबल टेनिस खिलाड़ी मौमा दास को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

    सामाजिक कार्यकर्ता और महिलाओं द्वारा संचालित असम के पहले सहकारी बैंक कनकलता महिला शहरी सहकारी बैंक की संस्थापक लखिमी बरुआ, हरियाणा के हिंदी साहित्यकार प्रो. जय भगवान गोयल, राजस्थान के मंगनियार लोक गायक लाखा खान, कर्नाटक की प्रख्यात गायिका बांबे जयश्री रामनाथ, देहरादून के वरिष्ठ हड्डी रोग सर्जन भूपेंद्र कुमार सिंह संजय और श्रीनगर के जाने-माने हिंदी के प्रोफेसर और पत्रकार चमन लाल सप्रू को पद्म श्री पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। संस्कृत के विद्वान राम यत्न शुक्ल को भी पद्म श्री पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वालों में पाली लेखक अर्जुन सिंह शेखावत, संस्कृत के व्याकरणाचार्य राम यत्न शुक्ल, सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह शंटी, बिहार की हिंदी लेखिका मृदुला सिन्हा (मरणोपरांत) और भोपाल के आदिवासी लोक संस्कृति विद्वान कपिल तिवारी शामिल हैं।

    बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायक को पद्म श्री पुरस्कार

    बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के नायक रहे लेफ्टिनेंट कर्नल काजी सज्जाद अली जहीर को भी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नागरिक अलंकरण समारोह में उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं पद्म पुरस्कारपद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों-पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री-में दिए जाते हैं और हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। पद्म विभूषण असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, पद्म भूषण उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

    जब पैरा एथलीट को पुरस्कार देने मंच से नीचे आए महामहिम

    पद्म पुरस्कार वितरण समारोह में उस दौरान एक भावुक समय भी आया, जब राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द छोटे कद के पैरा एथलीट केवाई वेंकटेश को सम्मानित करने के लिए खुद मंच से नीचे आए। वेंकटेश को पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति का आसन कुछ ऊंचाई पर था। पुरस्कार लेने वाले लोग एक सीढ़ी नीचे से सम्मान ग्रहण कर रहे थे। छोटे कद के वेंकटेश जब पुरस्कार लेने पहुंचे तो राष्ट्रपति और उनके कद के बीच में सीढ़ी के चलते अंतर और बढ़ गया। तब राष्ट्रपति कोविन्द ने वेंकटेश से सीढ़ियों से नीचे उतरने को कहा और खुद भी परंपरा तोड़ते हुए मंच से नीचे आए और उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया।