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    बिना सिम के बंद हो जाएंगे WhatsApp और Telegram समेत कई मैसेजिंग एप, पढ़ें क्या है 'सिम बाइंडिंग' नियम

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 08:37 AM (IST)

    Sim Binding: भारत सरकार ने साइबर अपराध और डिजिटल धोखाधड़ी को कम करने के लिए व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सभी मैसेजिंग ऐप के लिए सिम बाइंडिंग ...और पढ़ें

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    'सिम बाइंडिंग' होगी अनिवार्य। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सभी तरह के मैसेजिंग ऐप के लिए सिम बाइंडिंग (Sim Binding) को अनिवार्य बना दिया है। सरकार का दावा है कि इससे साइबर अपराध और डिजिटल फ्रॉड कम करने में मदद मिलेगी।

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    28 नवंबर को दूरसंचार विभाग ने नोटिस जारी करते हुए बताया कि अगले 90 दिनों के भीतर बाइंडिंग सिम के नियम लागू हो जाएंगे। ऐसे में अगर किसी डिवाइस में सिम नहीं हुआ, तो उसमें मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। वहीं, 90 दिन के बाद ऐप खुद-ब-खुद हर 6 घंटे में ऑटोमैटिक लॉग इन करेंगे, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सिम अभी भी डिवाइस में मौजूद है।

    दूरसंचार विभाग ने दी चेतावनी

    दूरसचार विभाग ने ऐप की सर्विस देने वाली सभी कंपनियों को दिशानिर्देशक फॉलो करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अगले 120 दिनों में इन कंपनियों को विस्तृत रिपोर्ट भी पेश करनी होगी। विभाग ने कंपनियों को आगाह करते हुए कहा कि अगर उन्होंने दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, तो उनके खिलाफ दूरसंचार अधिनियम 2023, दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियमों समेत अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

    किन मैसेजिंग ऐप पर होगा असर?

    दूरसंचार विभाग का यह आदेश भारत में मौजूद सभी मैसेजिंग एप्स पर लागू होगा। व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, अराटाई, स्नैपचैट, शेयरचैट, जियोचैट और जोश समेत सभी मैसेजिंग ऐप्स को इन दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

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    सिम बाइंडिंग क्या है?

    सिम बाइंडिंग का अर्थ है कि अगर आपने किसी ऐप में एक सिम से रजिस्ट्रेशन किया है, तो वो ऐप सिर्फ उसी डिवाइस पर खुलेगा, जिसमें वो सिम मौजूद है। ऐसे में ऐप को किसी और डिवाइस में नहीं खोला जा सकता है। वहीं, अगर आपने ऐप लॉग इन करने के बाद डिवाइस से सिम निकाल ली, तो कुछ देर बाद ऐप खुद-ब-खुद लॉग आउट हो जाएगा।

    सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?

    सरकार का तर्क है कि सिम बाइंडिंग से साइबर अपराध और खासकर दूसरे देशों से भारत में डिजिटल फ्रॉड करना मुश्किल हो जाएगा। 2024 के आंकड़ों की मानें तो देश को साइबर धोखाधड़ी से 22,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

    सीमा पार मौजूद साइबर अपराधी अक्सर मैसेजिंग ऐप्स के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं और डिजिटल फ्रॉड को अंजाम देते हैं। ऐसे में सिम बाइंडिंग से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि आपके फोन के ऐप में मौजूद प्रोफाइल को बिना सिम के कोई और अपने फोन में नहीं खोल सकता है। इससे डिजिटल अपराध पर लगाम लग सकेगी।

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