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    Shubhanshu Shukla: 'शुभांशु सब संभाल लेगा', ऐतिहासिक स्पेस मिशन पर बेटे को जाते देख खुशी से छलके मां के आंसू

    लखनऊ के शुभांशु शुक्ला ने फ्लोरिडा से एक्सिओम मिशन-4 पर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। उनके परिवार ने इस ऐतिहासिक क्षण पर गहरा गर्व और भावनाएं व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि शुभांशु 140 करोड़ भारतीयों की आशाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके स्कूल में इस लॉन्च का सीधा प्रसारण देखा गया, जहाँ लोगों ने उत्साहपूर्वक जश्न मनाया।  

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 25 Jun 2025 10:27 PM (IST)
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    एक्सिओम मिशन-4 के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला।(फाइल फोटो)

    धर्मेश अवस्थी, जागरण। फाइव, फोर, थ्री, टू, वन..! फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉंच हो रहे एक्सिओम मिशन-4 के लिए उल्टी गिनतियां पूरी होने के साथ ज्यों ही लखनऊ के लाल शुभांशु ने गगन की ओर उड़ान भरी, स्पेस सेंटर का रूप देकर सजाए गए सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) के आडिटोरियम में शुभांशु..शुभांशु नाम के गगनभेदी नारे गूंज उठे।

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    अपने इष्ट की आराधना में लीन मां आशा शुक्ला के नयन अपने नयनतारे की ऊंची उड़ान से सजल हो उठे। रुंधे गले से बस इतने ही शब्द प्रस्फुटित हुए, 'कभी सोचा नहीं था कि बेटा इतनी ऊंचाई तक जाएगा।' इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बन विस्मित, प्रफुल्लित शंभू दयाल शुक्ला ने जय श्रीराम के उद्घोष के साथ भावों का बांध खोला- 'अब मेरी पहचान शुभांशु के पिता की है।'

    यह हमारे लिए बहुत ही भावुक क्षण है: शुभांशु की बहन

    शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने अपने बेटे की सफलता को देख खुशी से भावुक हो उठीं। शुभांशु की बहन निधि मिश्रा ने कहा कि पूरा देश हमें देख रहा था। मैंने उससे कहा कि हमें उस पर बहुत गर्व है। यह हमारे लिए बहुत ही भावुक क्षण है। हमारा भाई अंतरिक्ष में जा रहा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे परिवार में कभी ऐसा कुछ होगा। लेकिन यह हो रहा है और यह वास्तविक है। वह अब अंतरिक्ष में है।

    शुभांशु सब संभाल लेगा: आशा शुक्ला

    वहीं, जब शुभांशु की मां से स्पेस मिशन की जोखिम को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, वह सारी परेशान संभाल लेगा। मुझे अपने बेटे की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है और उन्हें उसे कोई सलाह देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह ही है जो अंतरिक्ष यात्रा के बारे में पूरी दुनिया को सलाह दे रहा है।


    प्रक्षेपण के 10 मिनट के भीतर स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर गया था। इसके बाद शुभांशी ने कहा, क्या कमाल की सवारी थी। मेरे कंधों पर तिरंगा मुझे बताता है कि मैं अकेला नहीं हूं और मैं आप सभी के साथ हूं। "हम 41 वर्षों के अंतराल के बाद अंतरिक्ष में लौटे हैं। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं।


    शुभांशु की प्राथमिक शिक्षा सिटी मांटेसरी स्कूल में हुई है। लखनऊ, उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे भारत के आंखों का यह तारा जब बुधवार को तारों की वास्तविक दुनिया की ओर प्रस्थान कर रहा था तो उस पल का साक्षी बनने के लिए स्कूल ने विशेष व्यवस्था की थी। नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के लिए रवाना हुए एक्सिओम मिशन-4 को लाइव देखने ग्रुप कैप्टन व अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ल का पूरा परिवार, मित्र और शहरी सिटी मांटेसरी स्कूल के आडीटोरियम पहुंचे थे।

    जैसे-जैसे एक्सिओम मिशन-4 के लॉंच का समय नजदीक आ रहा था, लोगों की धड़कनें बढ़ती जा रही थीं। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की निगाहें विशाल आडिटोरियम की बड़ी स्क्रीन पर टिकी थीं। मिशन लांच होते ही तालियों के साथ शुभांशु के नाम का जयघोष होने लगा। उत्साही बच्चों ने तिरंगा लहराया।

    कभी सिविल सेवक का था सपना, बन गए अंतरिक्ष यात्री

    डॉक्टर, इंजीनियर या सिविल सेवा अधिकारी..! शुभांशु शुक्ल जिस परिवेश में पले-बढ़े वहां करियर के नाम पर यही सपने बुने जाते थे। शुभांशु और उनके परिवार ने भी सिविल सेवा का सर्वोच्च अधिकारी बनने का सपना देखा था, लेकिन एक संयोग ने उन्हें जमीन से आकाश का यात्री बना दिया।बात वर्ष 2000 की है। यहां त्रिवेणीनगर में रहने वाले शुभांशु इंटर की पढ़ाई कर रहे थे। आयु करीब सोलह वर्ष थी।

    शुभांशु का एक दोस्त एनडीए का फार्म लेकर आया था। तब यह फार्म 20 रुपये का मिलता था। शुभांशु ने जब फार्म में आयु सीमा देखी तो पाया कि दोस्त की तो फार्म भरने की आयु निकल चुकी है। 20 रुपये का फार्म यूं ही बर्बाद न जाए, यह सोचकर शुभांशु ने उसे खुद ही भर दिया। लिखित परीक्षा में सफल हुए तो सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के लिए देहरादून से बुलावा आ गया।


    140 करोड़ भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं के साथ शुभांशु इस मिशन पर: पीएम मोदी

     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित तीन अन्य देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर रवाना हुए अंतरिक्ष मिशन ' एक्सीओम मिशन-4' के सफल प्रक्षेपण पर खुशी जताई है। साथ ही कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

    ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाओं, आशाओं और आकांक्षाओं के साथ इस अभियान पर हैं। उन्हें ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। पीएम मोदी ने अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को यह शुभकामनाएं एक्स पर दी।

    इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण पर एक प्रस्ताव पारित कर खुशी जताई गई। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि ' हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमरीका के अंतरिक्ष यात्रियों के अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं।

    इस मिशन के जरिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं। वे अपने साथ 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाओं, आशाओं और आकांक्षाओं के साथ इस अभियान पर हैं। उन्हें और अन्य साथी अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएं।