शुभांशु ने अंतरिक्ष से भेजा भारत के नाम पहला संदेश, बोले- तिरंगा लेकर आया हूं, अगले 14 दिन होंगे रोमांचक
भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। आइएसएस पर औपचारिक स्वागत समारोह में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मैं 634वां अंतरिक्ष यात्री हूं। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आपके प्यार और आशीर्वाद से मैं अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच गया हूं। यहां खड़ा होना आसान लगता है। लेकिन, मेरा सिर थोड़ा भारी है। कुछ मुश्किलें आ रही हैं। हालांकि, ये छोटी-मोटी समस्याएं हैं। हम इसकी आदत डाल लेंगे।
शुभांशु ने अंतरिक्ष से भेजा भारत के नाम पहला संदेश (फोटो- पीटीआई)
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री गुरुवार को जब आइएसएस पर पहुंचे, तो वहां पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने गले लगकर और हाथ मिलाकर उनका स्वागत किया।
शुभांशु बोले-तिरंगा लेकर आया हूं, अगले 14 दिन रोमांचक होंगे
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर औपचारिक स्वागत समारोह में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मैं 634वां अंतरिक्ष यात्री हूं। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। आपके प्यार और आशीर्वाद से मैं अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच गया हूं। यहां खड़ा होना आसान लगता है। लेकिन, मेरा सिर थोड़ा भारी है। कुछ मुश्किलें आ रही हैं। हालांकि, ये छोटी-मोटी समस्याएं हैं। हम इसकी आदत डाल लेंगे। मैं यहां तिरंगा लेकर आया हूं और आप सभी को अपने साथ लेकर आया हूं। अगले 14 दिन रोमांचक होंगे।
14 दिनों में वह और अन्य अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे
शुक्ला ने कहा कि अगले 14 दिनों में वह और अन्य अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे और पृथ्वी पर लोगों से बातचीत करेंगे। यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा का भी एक चरण है। मैं आपसे बात करता रहूंगा। आइए इस यात्रा को रोमांचक बनाएं। शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन तक की यात्रा अद्भुत और शानदार रही। वह अंतरिक्ष स्टेशन के चालक दल से मिले स्वागत से अभिभूत हैं।
मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 14 दिन अद्भुत होने जा रहे हैं- शुभांशु
उन्होंने कहा, जिस क्षण मैंने अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया और चालक दल से मिला, आपने मुझे ऐसा महसूस कराया, मानो अपने घर के दरवाजे हमारे लिए खोल दिए हों। यह सच है। यह शानदार था। अब मैं और भी बेहतर महसूस कर रहा हूं। इसलिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे लगता है कि यह शानदार है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 14 दिन अद्भुत होने जा रहे हैं। विज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाएंगे और साथ मिलकर काम करेंगे।
राकेश शर्मा 1984 में गए थे अंतरिक्ष
इससे पहले प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के तहत कक्षा में आठ दिन रहे थे। भारत के शुभांशु शुक्ला, अमेरिका की पैगी व्हिटसन, हंगरी के टिबोर कपू एवं पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी के चारों ओर 28 घंटे की यात्रा के बाद आइएसएस पर पहुंचा।
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री
'एक्सीओम-4' की मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन ने शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष यात्री पिन प्रदान की। इससे वह अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बन गए। व्हिटसन ने मिशन के अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को भी अंतरिक्ष यात्री पिन प्रदान की।
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