Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किसानों को धोखा देने के पाप में भागीदार नहीं बनेगी शिवसेना

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Thu, 12 Mar 2015 06:36 PM (IST)

    लोकसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मतदान से अलग रहने के फैसले पर शिवसेना ने अब जाकर सफाई दी है। पार्टी का कहना है कि वह किसानों को धोखा देने के पाप में शामिल नहीं होना चाहती थी।

    मुंबई। लोकसभा में भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मतदान से अलग रहने के फैसले पर शिवसेना ने अब जाकर सफाई दी है। पार्टी का कहना है कि वह किसानों को धोखा देने के पाप में शामिल नहीं होना चाहती थी।

    केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की प्रमुख सहयोगी पार्टी शिवसेना ने संपादकीय के जरिये कहा, पर्याप्त संख्या होने के बावजूद लोकसभा में विधेयक को पास कराने के लिए भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हमने विधेयक का समर्थन नहीं करने का वादा किया था और इसी वजह से मतदान से अलग रहे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हमारा महाराष्ट्र के अलावा केंद्र में भी सरकार से गठजोड़ है, इसके बावजूद हमने भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध किया क्योंकि हम दिखावे में विश्वास नहीं करते। संपादकीय में आगे लिखा, 'शिवसेना किसानों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर व वादे करके सत्ता में आने के बाद इच्छा के विरुद्ध उनकी जमीन छीनने के पाप में शामिल नहीं होना चाहती।'

    शिवसेना ने कहा कि हालांकि पार्टी किसानों की प्रबल समर्थक है, लेकिन इस वजह से उसे विकास विरोधी नहीं समझा जाना चाहिए। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मुख्यालयों को मुंबई से बाहर ले जाने के मामले को लेकर भी भाजपा की अप्रत्यक्ष तौर पर आलोचना की गई।

    गुजरात सरकार ने सूरत में डायमंड रिसर्च एंड मर्केटाइल नाम से नया शहर बनाने की घोषणा की है। कुछ लोग इसे मुंबई में फल-फूल रहे हीरा व्यवसाय को सूरत ले जाने की कवायद मानते हैं।

    पढ़ेंः 22 मार्च को किसानों के मन की बात जानेंगे पीएम