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    Maharashtra politics: संजय राउत बोले- अजीत पवार को किया गया ब्लैकमेल, जल्द होगा खुलासा

    By Ayushi TyagiEdited By:
    Updated: Sat, 23 Nov 2019 01:54 PM (IST)

    Maharashtra politics संजय राउत ने महाराष्ट्र में सरकार बनने पर कहा कि इसका शरद पवार जी से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेेंस कर ये बात कही है।

    Maharashtra politics: संजय राउत बोले- अजीत पवार को किया गया ब्लैकमेल, जल्द होगा खुलासा

    नई दिल्ली, एएनआइ। महाराष्ट्र में शनिवार की सुबह कुछ ऐसी आई की राज्य की राजनीति का पूरा का पूरा नक्शा ही बदल गया। शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि हम धनंजय मुंडे के साथ संपर्क में हैं और अजीत पवार के वापस आने की भी संभावना है। अजीत को ब्लैकमेल किया गया है, इसके पीछे कौन है इस बात का खुलासा जल्द सामना अखबार में किया जाएगा। 

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    विधानसभा में साबित करे बहुमत: अजीत पवार

    पवार ने आगे कहा कि अजीत पवार के साथ जो 8 विधायक गए थे उनमें से पांच वापस आ गए हैं। उन्हें झूठ बोला गया, कार में बिठाया गया और उनका अपहरण किया गया। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि अगर उनके पास साहस है तो वे विधानसभा में बहुमत साबित करें।

    जहां एक और एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना सरकार बनाने में जुटे हुए थे, इसी बीच देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने राज्य में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। राज्य में हुए इस बड़े उल्टफेर के बीच शिवसेना के नेता संजय राउत ने सुबह प्रेस कॉन्फ्रेस की। उन्होंने कहा कि शरद पवार साहब का इससे कोई लेना-देना नहीं है, अजीत पवार ने महाराष्ट्र के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है।

      

    राउत ने आगे कहा कि कल 9 बजे तक ये महाशय (अजीत पवार) हमारे साथ बैठे थे। बाद में अचानक से गायब हो गए, वो नजर से नजर मिलाकर बात नहीं कर रहे थे। उससे हमें शक भी हुआ था। उन्होंने कहा कि आखिरी समय तक वो हमारे साथ थे। अजित पवार ने धोखा दिया है। अजित पवार को जांच का डर है। राज्यपाल में भी आरोप लगाते हुए संजय राउत ने कहा कि इसमें राज्यपाल भी शामिल हैं। राजभवन की शक्तियों का दुरुपयोग किया गया है। भाजपा और देवेंद्र फडणवीस सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। 

    महाराष्ट्र का हुआ अपमान

    उन्होंने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे जी और शरद पवार जी एक दूसरे के संपर्क में है। दोनों आज मुलाकात करेंगे। हालांकि, दोनों मीडिया को भी संबोधित कर सकते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि अजीत पवार और उनका समर्थन करने वाले विधायकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र का अपमान किया है।

    105 सीटें जीतने वाली भाजपा ने बहुमत हासिल करने के लिए एनसीपी के साथ मिलकर 146 का बहुमत का आंकड़ा हासिल किया और सरकार बनाना के दावा पेश किया। एनसीपी के पास 54 विधायक हैं। इसके बाद, राज्य में राष्ट्रपति शासन निरस्त कर दिया गया। जानकारी के लिए बता दें कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने स्पष्ट किया कि सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला उनके भतीजे अजीत पवार का है।

    शरद पवार ने ट्वीट किया, अजीत पवार का महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का निर्णय उनका निजी निर्णय है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का। हम उनके इस निर्णय का समर्थन नहीं करते हैं।