लिंगायत परंपरा से शिवराज पाटिल का हुआ अंतिम संस्कार, 90 वर्ष की आयु में हुआ निधन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल का अंतिम संस्कार महाराष्ट्र के लातूर जिले में लिंगायत परंपरा के अनुसार किया गया। लोकसभा ...और पढ़ें

लिंगायत परंपरा से शिवराज पाटिल का अंतिम संस्कार (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल का शनिवार को महाराष्ट्र के लातूर जिले में लिंगायत परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और कर्नाटक के मंत्री ईश्वर खंड्रे लातूर में अंतिम संस्कार में शामिल हुए। पाटिल लिंगायत समुदाय के एक प्रमुख सदस्य थे।
उन्हें लातूर से छह किलोमीटर दूर वरवंती गांव में उनके खेत में ध्यान की मुद्रा में बैठी हुई स्थिति में दफनाया गया। यह इस मान्यता पर आधारित है कि मृतक की आत्मा तुरंत शिव में विलीन हो जाती है और पुनर्जन्म के चक्र के अधीन नहीं होती है। इस प्रकार आत्मा को शरीर से मुक्त करने के लिए दाह संस्कार की आवश्यकता नहीं होती।
90 वर्ष के थे पाटिल
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्द्धन सपकाल और लातूर से लोकसभा सदस्य शिवाजी कोलगे भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। अंतिम संस्कार से पहले पाटिल को बंदूकों की सलामी दी गई। पाटिल का शुक्रवार को लातूर में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे।

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