शिवसेना विवाद पर चुनाव आयोग का फैसला, एकनाथ शिंदे को मिला पार्टी का नाम और धनुष-तीर
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक र ...और पढ़ें

नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शुक्रवार को झटका लगा। बता दें कि चुनाव आयोग ने शिवसेना विवाद पर अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले से मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत मिली है।
चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि एकनाथ शिंदे गुट द्वारा पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक तीर-कमान रखा जाएगा।
'शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक'
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है।
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ऐसे में चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि शिवसेना का पार्टी का नाम, 'धनुष और तीर' चिह्न एकनाथ शिंदे गुट के पास बरकरार रहेगा।
इसी बीच चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी कि वे लोकतांत्रिक लोकाचार और पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करें और नियमित रूप से अपनी वेबसाइटों पर पार्टी के आंतरिक कामकाज से जुड़े पहलुओं का खुलासा करें।
एकनाथ शिंदे ने बदला प्रोफाइल फोटो
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल फोटो अपडेट की और तस्वीर के रूप में शिवसेना के 'धनुष-तीर' का चिह्न लगाया।
Maharashtra CM Eknath Shinde updates his display picture on Twitter & puts up Shiv Sena's 'bow and arrow' symbol as the picture.
Election Commission today ordered that the party name “Shiv Sena” and the party symbol “Bow and Arrow” will be retained by the Eknath Shinde faction. pic.twitter.com/JankdFvBiK
— ANI (@ANI) February 17, 2023
'संजय राउत का दिखा आक्रोश'
चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर किया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जनता उनके साथ है।
संजय राउत ने कहा कि इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है, वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है। हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है। सब गुलाम बनकर बैठे हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है।
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