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    बांग्लादेश में हिंसा: भारत से तनावपूर्ण संबंधों पर शेख हसीना का फूटा गुस्सा, मोहम्मद यूनुस को ठहराया जिम्मेदार 

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 08:03 PM (IST)

    बांग्लादेश में हिंसा को लेकर शेख हसीना का गुस्सा फूट पड़ा है, खासकर भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को लेकर। उन्होंने इस स्थिति के लिए मोहम्मद यूनुस को ...और पढ़ें

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा देने, भारत विरोधी भावनाएं भड़काने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

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    उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच संबंध गहरे तथा मौलिक हैं और इस अंतरिम सरकार के चले जाने के बाद भी लंबे समय तक बने रहेंगे। यूनुस की शह पर चरमपंथियों द्वारा भारत के खिलाफ शत्रुता पैदा की जा रही है। बांग्लादेश में हिंसा एवं अराजकता बढ़ने और भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों के लिए वही जिम्मेदार हैं। धार्मिक उन्माद एवं हिंसा रोकने में अंतरिम सरकार पूरी तरह विफल रही है। यूनुस के पास बांग्लादेश की विदेश नीति को फिर से व्यवस्थित करने का कोई जनादेश नहीं है।

    बांग्लादेश में हालिया तनाव जानबूझकर पैदा किया गया- हसीना

    एक वर्चुअल साक्षात्कार में हसीना ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हालिया तनाव जानबूझकर पैदा किया गया। ये घटनाक्रम घरेलू स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा दोनों को खतरे में डालते हैं। मौजूदा हालात में अपने राजनयिकों एवं अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताएं जायज हैं। भारत दशकों से बांग्लादेश का सबसे भरोसेमंद मित्र और साझेदार रहा है। भारत के खिलाफ बढ़ती शत्रुता उन चरमपंथियों द्वारा निर्मित की जा रही है जिन्हें यूनुस शासन द्वारा प्रोत्साहित किया गया है।

    फरवरी में होने वाले चुनावों पर हसीना ने कहा कि उनकी पार्टी अवामी लीग के बिना कोई भी चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि एक 'राज्याभिषेक' होगा क्योंकि अवामी लीग को आगामी चुनावों में भाग लेने से रोक दिया गया है। मुहम्मद यूनुस बिना बांग्लादेशी जनता के एक भी वोट के शासन कर रहे हैं और अब वह उस पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं जिसे जनता ने नौ बार जनादेश देकर चुना है।

    शेख हसीना ने दी चेतावनी

    हसीना ने चेतावनी दी कि एक अनिर्वाचित प्रशासन द्वारा लिए गए रणनीतिक निर्णयों के देश के लिए दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं। हसीना ने यूनुस सरकार पर भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण बयान जारी करने और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया।

    उन्होंने कहा, ''उस्मान हादी की हत्या मौजूदा अंतरिम सरकार के तहत अराजकता का प्रतिबिंब है। यह दुखद हत्या उस अराजकता को दर्शाती है जिसने मेरी सरकार को उखाड़ फेंका और जो यूनुस शासन के तहत कई गुना बढ़ गई। हिंसा आम बात हो गई है, जबकि अंतरिम सरकार या तो इससे इन्कार करती है या इसे रोकने में नाकाम है। जब आप अपनी सीमाओं के भीतर बुनियादी व्यवस्था बनाए नहीं रख सकते हैं, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर आपकी विश्वसनीयता गिर जाती है। यह वास्तविकता है।'

    'मेरी राजनीतिक हत्या करने को वापसी की मांग नहीं कर सकते'

    हसीना ने अपने खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही के बीच वापस देश लौटने की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह वर्तमान परिस्थितियों में वापस नहीं जाएंगी। ''मेरी राजनीतिक हत्या का सामना करने के लिए आप मेरी वापसी की मांग नहीं कर सकते।''

    मैंने मुहम्मद यूनुस को मामले को हेग में ले जाने की चुनौती दी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एक स्वतंत्र अदालत उन्हें बरी कर देगी। उन्होंने कहा कि वह तभी वापस आएंगी जब बांग्लादेश में वैध सरकार और स्वतंत्र न्यायपालिका होगी।

    (समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)