'चीन के साथ संबंधों में सुधार से मजबूत होगा भारत', शशि थरूर ने बताया समय की मांग
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत और चीन के बीच कूटनीतिक वार्ताओं का स्वागत करते हुए इसे सामयिक कदम बताया है। थरूर ने कहा कि चीन के साथ मतभेदों को सुलझाना भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा। उन्होंने भारत-रूस के बीच मजबूत संबंधों का भी समर्थन करते हुए इसे देश की विदेश नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत और चीन के बीच हालिया कूटनीतिक वार्ताओं का स्वागत किया है। इसे केंद्रीय सरकार द्वारा उठाया गया एक समयानुकूल और आवश्यक कदम बताया। शीर्ष यूएन अधिकारी रह चुके थरूर ने कहा कि यह कदम भारत को अमेरिका और अन्य शक्तियों से बढ़ते भू-राजनीतिक दबावों का सामना करने में मदद कर सकता है।
तिरुवनंतपुरम से चार बार के लोकसभा सदस्य थरूर ने मंगलवार को कहा, ''वर्तमान परिस्थितियों में, सरकार का चीन के साथ कूटनीतिक रूप से जुड़ने का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है।''
बीजिंग के साथ मतभेदों को सुलझाना रणनीतिक रूप से फायदेमंद- थरूर
उन्होंने यह भी कहा कि बीजिंग के साथ मतभेदों को सुलझाना भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा। ''एक साथ अमेरिका और चीन को दूर रखना भारत के हितों के लिए फायदेमंद नहीं होगा।''
भारत-चीन के बीच सुधर रहे संबंध
थरूर की टिप्पणियां उस समय आई हैं जब भारत अपने विदेशी नीति को सावधानीपूर्वक पुन: संतुलित कर रहा है, वैश्विक संरेखण में बदलाव के बीच। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ तनाव जारी रहने के कारण नई दिल्ली की बीजिंग के प्रति पहल को ध्यान से देखा जा रहा है।
थरूर ने भारत-रूस के बीच मजबूत संबंधों किया समर्थन
कांग्रेस सांसद ने भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों का भी समर्थन किया, इसे देश की विदेशी नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। थरूर ने कहा, ''एक संतुलित दृष्टिकोण, जहां भारत रूस और चीन जैसी शक्तियों के साथ रचनात्मक संबंध बनाए रखता है, हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।''
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)
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