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    Ayodhya Ram mandir: उज्जैन के शर्मा बंधुओं को पिता से मिली राम नाम की विरासत, जगाई अलख

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Wed, 05 Aug 2020 08:28 AM (IST)

    यूं तो शर्मा बंधुओं के कई भजन ख्यात हैं मगर सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाए तरवर की छाया सबसे खास है। ...और पढ़ें

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    Ayodhya Ram mandir: उज्जैन के शर्मा बंधुओं को पिता से मिली राम नाम की विरासत, जगाई अलख

    उज्जैन, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्‍य प्रदेश के उज्जैन के प्रसिद्ध चार भजन गायकों को पिता से विरासत में राम नाम का मंत्र मिला, जिससे उन्होंने सारी दुनिया में प्रभु राम के नाम का अलख जगा दिया। इस दौरान करीब 350 भजन लिखे, गाए और देश में राम के चरित्र का गुणगान किया। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन के उपलक्ष्य में इन्होंने एक और भजन तैयार किया है। इस भजन के मुखड़े के बोल हैं 'रामलला हो रामलला, अवध के प्यारे रामलला'। सोशल मीडिया में इस भजन को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। 

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    उज्जैन के ख्यात शर्मा बंधुओं ने दुनियाभर में जगाया राम नाम का अलख

    शर्मा बंधु के नाम से ख्यात ये चारों भाई-83 वर्षीय पंडित गोपाल, 75 वर्षीय पंडित शुकदेव, 72 वर्षीय पंडित कौशलेंद्र और 66 साल के पंडित राघवेंद्र हैं। यूं तो इनका परिवार उत्‍तर प्रदेश में  मुजफ्फरपुर का रहने वाला है, बाद में सभी लोग उज्‍जैन में बस गए। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सभी राम भक्तों की तरह शर्मा बंधु भी आल्हादित हैं।

    उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन भारत वर्ष के इतिहास में निश्चित ही स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा। उन्हें राम भक्ति और भजन की शिक्षा-दीक्षा पिता पंडित रामानंद महाराज से मिली थी। पंडित रामानंद महाराज ने 1920-21 से भजनों के माध्यम से राम नाम का अलख जगाने का काम शुरू किया था। 1993 में उन्होंने शरीर त्याग दिया था। उनके साथ और अब उनके बाद भी ये काम जारी है। हम चारों भाइयों के एक-एक बेटे हैं। वे भी भजनों के माध्यम से श्रीराम का चरित्र और महिमा जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। 

    'सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को.' गीत से मिली प्रसिद्धि 

    यूं तो शर्मा बंधुओं के कई भजन देश- विदेश में प्रसिद्ध हैं, मगर 'सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाए तरवर की छाया' इनमें से सबसे खास है। यह भजन उनके पिता रामानंद शर्मा द्वारा लिखा गया था। यह पहली बार फिल्म परिणय (1974) के माध्यम से लोगों को सुनने को मिला। यह राम भजन लोगों के बीच आज भी काफी पसंद किया जाता है।