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    सरकार को देना होगा सरकारी मदद से विकसित दवाओं की कमाई का हिस्सा, रिसर्च के लिए नौ बड़ी कंपनियों को मिलेगी मदद

    By Jagran NewsEdited By: Amit Singh
    Updated: Wed, 30 Aug 2023 08:28 PM (IST)

    जेनरिक दवाओं के निर्माण में भारत दुनिया की फार्मेसी के रूप में प्रसिद्ध है लेकिन नई दवाओं की खोज में बहुत ज्यादा पीछे है। नई पालिसी इस विरोधाभास को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। नई फार्मा रिसर्च पालिसी को कैबिनेट की हरी झंडी मिल चुकी है और सितंबर में कभी भी इसे लांच किया जा सकता है।

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    दवा की बिक्री से होने वाली आमदनी का एक हिस्सा सरकार को देना होगा।

    नीलू रंजन, नई दिल्ली। सरकारी मदद से विकसित होने वाली नई दवाओं की बिक्री से होने वाली कमाई का एक हिस्सा सरकार को देना होगा। फार्मा क्षेत्र में रिसर्च की नई पालिसी में इसका प्रविधान किया गया है। नई पालिसी के तहत भारत को नई दवाओं के विकास का हब बनाने के लिए सरकार ने अगले पांच सालों में 5000 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिनमें बड़ा हिस्सा निजी कंपनियों को रिसर्च में वित्तीय मदद के रूप में दी जाएगी।

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    कंपनी को मिलेगी वित्तीय सहायता

    फार्मा विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई पालिसी के तहत तीन कैटेगरी में कंपनियों को रिसर्च के लिए वित्तीय मदद दी जाएगा। इनमें बी-1 में बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियों को रखा गया है। उनके अनुसार इनमें प्राथमिकता वाले क्षेत्र में नई दवाओं पर रिसर्च करने वाली नौ कंपनियों का चयन किया जाएगा, उन्हें रिसर्च पर आने वाले कुल खर्च का 35 फीसद सरकार मदद दी जाएगी। जो 125 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगी। उनके अनुसार रिसर्च में सभी दवाओं की सफलता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। लेकिन निश्चित रूप से कुछ दवाएं सफल होंगी और बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी।

    नई दवाओं पर होगी रिसर्च

    कंपनी को ऐसी दवा की बिक्री से होने वाली आमदनी का एक हिस्सा सरकार को देना होगा। यह बिक्री का 10 फीसद तक हो सकता है या इसके बदले कंपनी सरकार को इक्विटी भी दे भी सकती है। नई दवाओं की बिक्री से मिलने वाली हिस्से का इस्तेमाल आगे और नई दवाओं के रिसर्च में कंपनियों के मदद में की जाएगी। इससे नई विकास पर रिसर्च और मार्केटिंग का एक एकोसिस्टम तैयार हो सकेगा।

    वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जेनरिक दवाओं के निर्माण में भारत दुनिया की फार्मेसी के रूप में प्रसिद्ध है, लेकिन नई दवाओं की खोज में बहुत ज्यादा पीछे है। नई पालिसी इस विरोधाभास को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। नई फार्मा रिसर्च पालिसी को कैबिनेट की हरी झंडी मिल चुकी है और सितंबर में कभी भी इसे लांच किया जा सकता है।