पीएम मोदी से शरद पवार की अनार वाली मुलाकात, सियासी गलियारे में हलचल तेज; निकाले जा रहे कई अर्थ
शरद पवार ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ 2 किसान मौजूद थे। इस मुलाकात के दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री को अपने खेत के अनार भेंट किए। लेकिन राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात के कई अर्थ लगाए जाने लगे इस मुलाकात ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने सीएम फडणवीस से मुलाकात की थी।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार ने बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री से सातारा के दो किसानों के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री को अपने खेत के अनार भेंट किए। लेकिन, राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात के कई अर्थ लगाए जाने लगे हैं।
शरद पवार की पार्टी को मिली है करारी हार
पिछले माह हुए विधानसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी राकांपा (शरदचंद्र पवार) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उनकी पार्टी के सिर्फ 10 विधायक चुनकर आए हैं। उनका स्ट्राइक रेट भी सबसे खराब रहा है। जबकि, छह माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने सिर्फ 10 सीटों पर चुनाव लड़कर आठ सीटें जीती थीं और उनका स्ट्राइक रेट सबसे अच्छा रहा था। इस विधानसभा चुनाव में पूरे विपक्ष का सूपड़ा साफ हो गया है। उसे राज्य की कुल 288 में से 46 सीटें ही प्राप्त हुई हैं।
विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद शरद पवार की पार्टी के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है। चुनाव परिणाम आने के कुछ ही दिनों बाद उनके भतीजे अजीत पवार की पार्टी राकांपा के विधायक अनिल पाटिल ने एक बयान में कहा कि शरद पवार की पार्टी के कई विधायक अजीत पवार के संपर्क में हैं। इसके बाद अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार ने भी अपने एक्स हैंडल पर लिखा की अजीत पवार के नेतृत्व में विश्वास रखने वालों का स्वागत है।
बयानों ने बढा़ई शरद पवार की चिंता
अजीत पवार की पार्टी की ओर से आए ये दोनों बयान शरद पवार की चिंता बढ़ाने वाले हैं। क्योंकि पिछली सरकार में 50 से अधिक विधायकों वाले दो दल शिवसेना और राकांपा दो तिहाई विधायकों की बगावत के कारण टूट चुके हैं। इस बार तो विपक्ष के एकमात्र दल शिवसेना के ही 20 विधायक चुनकर आए हैं। जबकि, कांग्रेस के 16 एवं राकांपा (शरदचंद्र पवार) के 10 ही विधायक हैं। ऐसे में इन दलों के विधायकों का पूरे पांच वर्ष तक बिना सत्ता के रह पाना आसान नहीं होगा। बचे-खुचे दल में भगदड़ की आशंका से न सिर्फ शरद पवार बल्कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी जूझ रहे हैं। इसलिए इन दोनों दलों के प्रमुखों की सत्ता पक्ष के साथ मेल-मुलाकात का दौर शुरू हो गया है।
सीएम फडणवीस से मिले थे उद्धव ठाकरे
मंगलवार को नागपुर में उद्धव ठाकरे ने अपने पुत्र आदित्य ठाकरे के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सद्भावना मुलाकात की और बुधवार को दिल्ली में शरद पवार सातारा के दो किसानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने जा पहुंचे। इससे पहले पिछले सप्ताह ही 12 दिसंबर को शरद पवार के जन्मदिन पर उन्हें शुभकामना देने उनके भतीजे अजीत पवार अपनी राज्यसभा सदस्य पत्नी सुनेत्रा पवार और अपने पुत्रों के साथ पवार के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर जा पहुंचे थे।
विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद पवार अपनी सांसद पुत्री सुप्रिया सुले का राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करने के लिए अपने दल का विलय कांग्रेस में कर सकते हैं या फिर अपने भतीजे अजीत पवार के साथ जा सकते हैं। इन कयासों के बीच पहले अजीत पवार की शरद पवार से मुलाकात एवं अब अनार किसानों के साथ शरद पवार की प्रधानमंत्री से भेंट सामान्य तो नहीं कही जा सकती।
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