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    Ram Mandir: 'सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह भी नहीं था पूरा', शंकराचार्य अधोकशजनानंद बोले- 550 सालों के संघर्ष बाद विशाल मंदिर तैयार

    By Agency Edited By: Sonu Gupta
    Updated: Tue, 16 Jan 2024 03:00 AM (IST)

    पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोकशजनानंद देवतीर्थ ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में मंदिर का गर्भगृह पूरा होने पर राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का समय बहुत ही शुभ है। कई अन्य धर्मगुरुओं ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जोरदार तरीके से समर्थन किया और कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग इसे भी मुद्दा बना रहे हैं।

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    सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह भी नहीं था पूराः शंकराचार्य अधोकशजनानंद।

    पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोकशजनानंद देवतीर्थ ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में मंदिर का गर्भगृह पूरा होने पर राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का समय बहुत ही शुभ है। कई अन्य धर्मगुरुओं ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जोरदार तरीके से समर्थन किया और कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग इसे भी मुद्दा बना रहे हैं।

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    मंदिर का विरोध करना गलतः महंत नारायण गिरि

    उन्होंने कहा कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 1951 में हुई थी तब उसका गर्भगृह भी पूरा नहीं हुआ था। दूधेश्वर मंदिर के महंत नारायण गिरि ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह बहुत ही सौभाग्य की बात है। कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं यह गलत है।

    सोमनाथ के पुनर्निर्माण में सरदार वल्लभभाई पटेल ने निभाई थी अहम भूमिका

    उन्होंने बताया कि सोमनाथ मंदिर के कलश और ध्वजा को उसकी प्राण प्रतिष्ठा के 14 सालों बाद स्थापित किया गया था। इस कार्यक्रम में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद शामिल हुए थे और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने में तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की अहम भूमिका थी। वहीं, देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का किसी को भी मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 1951 में हुई थी तो तब उसका गर्भगृह भी पूरा नहीं हुआ था। लेकिन अयोध्या मंदिर का गर्भगृह पूरा हो चुका है और उसका भूतल भी पूरा हो चुका है।

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    गर्व से सनातनी की तरह रहते हैं पीएम मोदी

    उन्होंने कहा कि मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो गर्व से सनातनी की तरह रहते हैं। डिब्रूगढ़ में पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी अधोकशजनानंद देवतीर्थ ने कहा कि कुछ तत्वों ने अपने स्वार्थ के लिए हिंदू समाज को गुमराह करने की कोशिश की है। यह कहा जा रहा है कि शंकराचार्य इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि पूजा का मुख्य स्थल गर्भगृह पहले ही पूरा हो चुका है। इसलिए यह कहना गलत है कि मंदिर अधूरा बना है।

    पीएम मोदी एक महान योगी

    उन्होंने कहा कि 550 सालों के संघर्ष के बाद एक विशाल मंदिर तैयार है, जहां भगवान की स्थापना होगी। यह भारतीयों के लिए गर्व का अवसर है। उन्होंने कहा कि युगों से मंदिरों का निर्माण सीधे तौर पर राजा कराते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री तो एक महान योगी हैं जो मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करा सकते हैं।

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