लगातार हो रही बारिश से देश के कई राज्य बाढ़ से प्रभावित, जानें क्या है ताजा स्थिति
पंजाब में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण तरनातरन जिले के 12 गांवों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं और फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। कसूर नाले में पानी का स्तर बढ़ने से किनारे बसे कई गांवों में पानी घुस गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कई राज्यों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। आने वाले दिनों में भी इन इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। ऐसे में इन हालातों से निपटने के लिए राज्य सरकारें लोगों की मदद कर रही हैं। आइए जानते हैं राज्यों में क्या है बाढ़ की स्थिति-
पंजाब के कई हिस्सों में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात
पंजाब में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण तरनातरन जिले के 12 गांवों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं और फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। कसूर नाले में पानी का स्तर बढ़ने से किनारे बसे कई गांवों में पानी घुस गया है और फसलें बर्बाद हो गई हैं। राज्य सरकार के आदेश पर ड्रेनेज विभाग ने संभावित बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
कसूर नाले में जलस्तर बढ़ने से गांव अलगो कलां, ठट्ठी जैमल सिंह, क्लस, ढोलण, लाखणा, कस्बा भिखीविड, कालिया, सकत्तरा, नूरवाला, गजल, मस्तगढ़, खेमकरण, फतेहाबाद, गोइंदवाल साहिब, वैरोंवाल के आसपास गांवों में पानी भरने लगा है। इसकी वजह से किसानों की करीब 14 हजार एकड़ फसल भी प्रभावित हुई है।
चंडीगढ़ की सुखना नदी में बढ़ा पानी का स्तर
वहीं, चंडीगढ़ की सुखना लेक में भी पानी का स्तर बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि अगर बारिश होती रही तो अगले दो दिनों में सुखना के फ्लड गेट फिर से खोलने पड़ेंगे। सुखना लेक का जलस्तर बढ़कर 1162.7 फीट तक पहुंच गया है। अगर यह तीन प्वाइंट और बढ़कर 1163 फीट हो गया तो तुरंत फ्लड गेट खोलने पड़ेंगे।
शिवालिक की पहाड़ियों में जारी बारिश से सुखना लेक का जलस्तर बढ़ रहा है। इस कारण जीरकपुर के काफी हिस्सों में भी जलभराव का खतरा अभी से हो गया है। खासकर बलटाना एरिया में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं।
गोरखपुर में बाढ़ की स्थिति से कुछ दिन में हो सकता है सुधार
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बाढ़ की स्थिति में अगले कुछ दिनों में सुधार हो सकता है। राप्ती नदी के जलस्तर में गिरावट की रफ्तार तेज हो गई है। रोहिन नदी पहले से ही चेतावनी बिन्दु के नीचे पहुंच चुकी है। हालांकि सरयू नदी का जलस्तर बढ़त पर है। राप्ती नदी का जलस्तर कम होने से नतीजा यह हुआ है कि पिछले दो दिन में करीब 20 गांव बाढ़ से मुक्त हो चुके हैं।
एनडीएमए के पूर्व उपाध्यक्ष ने दिया हवाईअड्डों के बाढ़ आडिट का सुझाव
दिल्ली हवाईअड्डे के विभिन्न हिस्सों में जलजमाव पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के पूर्व उपाध्यक्ष एम. शशिधर रेड्डी ने नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर देश के सभी हवाईअड्डों का बाढ़ आडिट कराने का सुझाव दिया है। रेड्डी ने सिंधिया को भेजी गई ई-मेल में कहा, 'इस समस्या के समाधान के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के संचालक द्वारा वर्ष 2011-12 में 70 लाख रुपये में परामर्शदाता की सेवा ली गई। टर्मिनल तीन से नजफगढ़ नाले तक निकासी नाले को चौड़ा करने की सिफारिश थी। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। आशा है कि निकासी प्रणाली को चौड़ा करने की दिशा में आप प्रयास शुरू करेंगे।'उल्लेखनीय है कि दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा था कि अचानक भारी बारिश से टíमनल तीन पर पानी जमा हो गया था, जिसे कुछ ही मिनट में साफ किया गया। हवाईअड्डा संचालक टíमनल तीन को नजफगढ़ से जोड़ने वाली भूमिगत निकासी प्रणाली को चौड़ा करने का पिछले कुछ वर्षो से राज्य एवं केंद्र की एजेंसियों से अनुरोध कर रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।