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झारखंड में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर फंदे से झूले दो भाई

झारखंड में एक ही परिवार के सात सदस्यों ने आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली। इस परिवार के लोग बिहार के मूल निवासी थे।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 11:47 AM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 08:03 PM (IST)
झारखंड में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर फंदे से झूले दो भाई
झारखंड में परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर फंदे से झूले दो भाई

जागरण टीम, कांके (रांची)। झारखंड की राजधानी रांची में आर्थिक तंगी के चलते एक ही परिवार के सात लोगों की आत्महत्या का मामला सामने आया है। इस परिवार के लोग बिहार में मुंगेर जिले के चिरैयाबाग के मूल निवासी थे। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। इससे पहले इसी माह हजारीबाग में एक ही परिवार के छह लोगों के शव मिले थे। 

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रांची में परिवार के मुखिया दीपक झा ने भाई के साथ मिलकर अपनी पत्‍‌नी, बेटा, बेटी और मां-पिता की हत्या कर दी। फिर दोनों सगे भाई फंदे पर झूल गए। कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे स्थित घर में सोमवार की सुबह सात शव बरामद किए गए। पुलिस की जांच और कमरे से बरामद 15 पन्ने के सुसाइड नोट के अनुसार पूरी घटना के पीछे प्रथम दृष्ट्या आर्थिक तंगी व भारी कर्ज का मामला सामने आ रहा है।

दीपक झा के बेटे का सिर जन्म से ही बड़ा था। सुसाइड नोट में जिक्र है कि उसके इलाज में 25 लाख रुपये खर्च हो चुके थे। यह परिवार मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिले के बरियारपुर स्थित चिरैयाबाद का रहने वाला था। वर्तमान में यह परिवार अरसंडे में सेवानिवृत्त सैनिक (एएमसी में मेल नर्स) अलख नारायण मिश्रा के मकान में किराए पर रहता था। आर्थिक तंगी के कारण मकान मालिक को पिछले पांच महीने से किराया भी नहीं दिया था। बहरहाल, पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है। हत्या और आत्महत्या के कारणों के साथ-साथ सभी ऐसे बिंदुओं की पड़ताल चल रही है जो मामले को संदिग्ध बना रहे हैं। वहीं, इस घटना पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से मामले का जल्द उद्भेदन करने को कहा है।

रविवार की सुबह आठ बजे पड़ोसियों को घटना की जानकारी मिली, जिसके बाद मौके पर कांके पुलिस, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम, डॉग स्क्वायड, सीआइडी व विशेष शाखा की टीम पहुंची। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने करीब छह घंटे तक कमरे से फिंगर प्रिंट, चाकू आदि से साक्ष्य संकलित किया है, जिसे वैज्ञानिक जांच के लिए भेजा गया है। सभी सात शवों को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया गया है। इस महीने एक ही परिवार के खत्म हो जाने की यह दूसरी घटना है। दो हफ्ते पूर्व हजारीबाग में इसी तरह महेश्वरी परिवार के छह सदस्य अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। पुलिस इस मामले में अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है कि मामला हत्या का है या आत्महत्या का।

जानें, कौन कैसे मरा
- सच्चिदानंद झा (पिता) : उम्र 65 साल। डीजल शेड कंपनी पतरातू से सेवानिवृत्त। पेंशन भोगी थे। गला घोंटकर की गई है हत्या।
- गायत्री देवी (मां) : उम्र 62 वर्ष, गृहणी। गला रेतकर की गई है हत्या।
- सोनी देवी (पत्नी) : गृहणी। गला घोंटकर की गई है हत्या।
- दृष्टि झा (बेटी) : उम्र आठ साल। हेलो किड्स मैरी स्कूल में कक्षा दो में पढ़ती थी। गला रेतकर की गई है हत्या। - जंगू झा (बेटा) : उम्र 13 महीने। जन्म से ही बीमार। गला घोंटकर हत्या की गई है। सिर में पानी भरने व आंख की बीमारी भी थी। पड़ोसियों के अनुसार, करीब 15 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी कोई सुधार न था। मेडिका में चल रहा था इलाज।
- दीपक झा : उम्र 35 वर्ष, घर का एक मात्र कमाने वाला। मेन रोड में फर्नीचर दुकान में सेल्समैन। फांसी पर लटका मिला शव।
- रूपेश झा (छोटा भाई) : उम्र 27 वर्ष। बेरोजगार। छोटा-मोटा ऑनलाइन व्यवसाय में कोई काम करता था। फांसी पर लटका मिला शव।


ऐसे हुआ खुलासा
मृतक दीपक झा की बेटी दृष्टि हेलो किड्स मैरी स्कूल में द्वितीय कक्षा में पढ़ती थी। प्रतिदिन वह स्कूल के वैन से पढ़ने जाती थी। सोमवार की सुबह करीब आठ बजे स्कूल वैन उसे लेने के लिए उसके घर पहुंची थी। दृष्टि को बुलाने के लिए पड़ोसन ऊषा पांडेय का बेटा सूरज पांडेय (ज्ञानदीप एकेडमी में कक्षा दो का छात्र) जब कमरे में पहुंचा तो सबसे पहले उसने दृष्टि के चाचा रूपेश झा (बाबू) को रस्सी से लटकते देखा। इसके बाद वह चिल्लाते हुए बाहर निकला और अपनी मां व अन्य लोगों को घटना की जानकारी। जब पड़ोसी घर में पहुंचे तो वहां की स्थिति देखकर सहम गए। इसके बाद ही सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद छानबीन शुरू हुई।

सामने के कमरे में सो रहे मकान मालिक को भनक तक नहीं लगी
दीपक झा व उनका परिवार मकान के एक फ्लैट में रहता था। वहीं, सामने के फ्लैट में मकान मालिक अलखनारायण मिश्रा व उनकी पत्नी थीं। मकान मालिक को भनक तक नहीं लगी और पूरा परिवार साफ हो गया। उन्होंने बताया कि दीपक झा का परिवार सुबह नौ बजे तक उठता था, जबकि वे सुबह छह बजे तक उठ जाते थे। सोमवार की सुबह छह बजे वे तथा उनकी पत्नी उठकर अपने दीपाटोली (खेलगांव थाना क्षेत्र) स्थित मकान में चले गए। वहां पूजा-पाठ होने के कारण वे निकले थे। दीपाटोली में ही थे कि सूचना मिली कि दीपक झा व उनके परिवार के सदस्यों ने खुदकशी कर ली है। इसके बाद वे भी मौके पर पहुंचे थे।

जालसाजी के एक केस में दीपक से पूछताछ कर चुकी थी पुलिस
लोअर बाजार थाने में 27 जुलाई 2018 को रेसिलिएंट फर्नीचर के मालिक हर्षव‌र्द्धन जैन ने क्रिसलय मिश्रा पर जालसाजी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह बात सामने आई थी कि क्रिसलय मिश्रा दीपक झा का करीबी है। दीपक झा पर भी मालिक को शक था, इसलिए पुलिस ने दीपक से भी पूछताछ की थी। दूसरे ही दिन दीपक झा के सपरिवार खुदकशी का मामला सामने आया। 15 पन्नों के सुसाइड नोट में भी इस केस का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा है कि इस केस में मैं फंस सकता हूं। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है।

घर से बाहर में कोई नहीं घुसा है। घटना घर के अंदर ही घटी है। प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कर्ज में दबे होने के कारण दीपक झा और उसके भाई ने परिवार के सदस्यों की हत्या की और फंदे पर झूल गए। 
-अनीस गुप्ता, सीनियर एसपी, रांची।

रांची में एक ही परिवार के छह लोगों ने की थी आत्महत्या
गौरतलब है कि रांची के कोकर स्थित रिवर्सा अपार्टमेंट में नौ अक्टूबर, 2016 को एक डॉक्टर के परिवार के छह लोगों ने अात्महत्या कर ली थी। सिर्फ डॉक्टर सुकांतो सरकार ही बचे थे, जिन पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा था। बाद में सुकांतो सरकार की भी मौत हो गई थी।

हजारीबाग में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत
गौरतलब है कि इससे पहले इसी माह में दिल्ली की बुराड़ी जैसी ही घटना अब हजारीबाग में दोहराई गई है, जहां एक ही परिवार के छह सदस्यों का शव मिलने से हड़कंप मच गया। पांच शव घर के अंदर मिले जबकि गृहस्वामी नरेश अग्रवाल महेश्वरी का शव घर के बाहर पार्किंग एरिया में मिला। महेश्वरी परिवार शहर के खंजाची तालाब स्थित सीडीएम शुभम अपार्टमेंट में रहता था। नरेश अपने पिता महावीर अग्रवाल महेश्वरी के साथ ड्राइ फ्रू‌र्ट्स का थोक कारोबार करते थे। पुलिस ने रविवार की सुबह नरेश महेश्वरी के अलावा उसके दो बच्चों, बुजुर्ग माता-पिता और पत्नी का शव बरामद किया।

महेश्वरी परिवार के फ्लैट से छह सुसाइड नोट भी मिले हैं। इसमें बताया गया है कि इन दिनों वह आर्थिक परेशानी से जूझ रहे थे, परिवार पर करीब 50 लाख का कर्ज था। इसके साथ एक रुपये के स्टांप पर एक पावर ऑफ अटॉर्नी भी मिली है, जिसमें अपार्टमेंट के ही एक व्यक्ति का जिक्र है। इसके अनुसार नरेश यह फ्लैट बेचना चाहते थे। पुलिस सभी बिंदुओं की जांच कर रही है। इसके लिए डीएसपी चंदन वत्स के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है। सूचना के बाद डीआइजी पंकज कंबोज, एसपी समेत पुलिस के विशेषज्ञों की टीम ने मौके का जायजा लिया है। फ्लैट के दो कमरे सील कर दिए गए हैं। शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है।

फ्लैट में अलग-अलग स्थिति में मिले शव
सुसाइड नोट व प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि पुत्र अमन (10) और बेटी अन्वी उर्फ परी (6) की हत्या के बाद पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने फ्लैट में पांचों शव अलग-अलग स्थिति में बरामद किए हैं। बेटी परी का शव सोफे से तो बेटे अमन का खून से सना शव बेड पर पड़ा था। अमन को बेहोश करने के बाद ब्लेड से गला काटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने कमरे में मौजूद कूलर के ऊपर से खून लगा ब्लेड भी बरामद किया है।

बीमारी, कर्ज व तनाव के पहलू को जोड़ बनाई मौत की थ्योरी
वहीं अमन के साथ ही बेड के ऊपर दादा 70 वर्षीय महावीर महेश्वरी का झूलता शव बरामद किया। उनके हाथ बंधे हुए थे। बेटी परी के शव के पास टेबल पर क्लोरोफॉर्म की बोतल मिली है। दूसरे कमरे में नरेश की पत्नी का शव बेड पर पाया गया वहीं उसी बेड के ऊपर नरेश की मां किरण का शव फंदे से झूल रहा था। इसके अलावा पुलिस ने नरेश महेश्वरी के शव को अपार्टमेंट के बाहर पार्किग एरिया के पास बरामद किया है। आशंका जताई जा रही है कि परिवार के अन्य सदस्यों की मौत के बाद उसने छत से कूद कर जान दे दी।

दिल्ली के बुराड़ी में मिले थे 11 शव
दिल्ली के बुराड़ी के संत नगर इलाके में एक साथ 11 शव मिलने का मामला सामने आया था। संत नगर के गुरुगोविंद सिंह हॉस्पिटल के सामने गली नंबर 2 में एक घर में परिवार के 11 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को घर से 11 डायरी भी मिली थीं, जिनमें मनोवैज्ञानिक विचार लिखे हुए हैं और मोक्ष प्राप्त करने की विधि के बारे में लिखा हुआ है।


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