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    Manipur Landslide Update: मणिपुर में आर्मी कैंप के पास भूस्खलन की वजह से 14 लोगों की मौत; NDRF का बचाव आपरेशन जारी

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jul 2022 06:11 AM (IST)

    Manipur Landslide Latest News Update मणिपुर में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में प्रादेशिक सेना के सात जवानों के मारे जाने की खबर है। वहीं 23 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया लेकिन 45 लोग अभी भी लापता हैं जिनकी तलाश जारी है।

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    मणिपुर लैंडस्लाइड अपडेट: मणिपुर में भूस्खलन से अबतक सात लोगों की मौत (सोर्स- एएनआई)

    इंफाल, प्रेट्र: मणिपुर में भूस्खलन से प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) के सात जवानों सहित 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग लापता हैं। यह भीषण हादसा बुधवार रात नोनी जिले के तुपुल यार्ड रेलवे कंस्ट्रक्शन कैंप के निकट हुआ। खराब मौसम के कारण राहत एवं बचाव कार्य में परेशानी हो रही है। अधिकारियों ने कहा है कि अब तक आठ शव निकाले जा चुके हैं। इनमें सात शव प्रादेशिक सेना के जवानों के हैं। मलबे में लगभग 72 लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिसमें प्रादेशिक सेना के 43 जवान शामिल हैं।

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    रात-दिन जारी राहत एवं बचाव कार्य

    इस बीच सेना ने कहा है कि मलबे में दबे प्रादेशिक सेना के 13 जवानों सहित पांच नागरिकों को बाहर निकाल लिया गया है। खराब मौसम के बीच असम राइफल्स और प्रादेशिक सेना की टुकडि़यों ने पूरे दिन राहत एवं बचाव कार्य चलाया। यह अभियान रात में भी जारी रहेगा। इसमें रेलवे के नागरिक प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित स्थानीय लोग भी अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर एनडीआरएफ की टीमें भेज दी गई हैं। राहत एवं बचाव कार्य बहुत ही तेजी से चलाया जा रहा है।

    मृतकों के परिजनों को पांच लाख की अनुग्रह राशि

    मुख्यमंत्री ने आपातकालीन बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने मारे गए लोगों के स्वजन को पांच-पांच लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। भूस्खलन के बाद बड़े पैमाने बिखरे मलबे ने इजेई नदी के बहाव को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे आसपास के निचले इलाकों में पानी भर सकता है। नोनी प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि भूस्खलन के कारण दर्जनों लोग जिंदा दफन हो गए हैं। इजेई नदी का प्रवाह भी मलबे से बाधित हो गया है। इससे जिले के निचले इलाकों में पानी भरने से स्थिति गंभीर हो सकती है। लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बढ़ते खतरे को देखते हुए बच्चों को नदी के आसपास नहीं जाने को कहा गया है। इसके साथ ही नदी के आसपास रह रहे लोगों को अपने घरों को खाली करने को भी कहा गया है। यात्रियों को राष्ट्रीय राजमार्ग-37 से बचने की भी सलाह दी गई है।

    पीएम मोदी ने दिया हर संभव मदद का आश्वासन

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से फोन पर बातकर भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने केंद्र से हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है।