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    तमिलनाडु की सात जातियां देवेंद्रकुला वेल्लालार समुदाय में होंगी शामिल, जानें क्यों लिया गया फैसला

    By Manish PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 23 Mar 2021 09:03 AM (IST)

    लोकसभा में यह विधेयक पिछले हफ्ते ही पारित हो गया था। अब इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इस बिल के जरिये संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 में बदलाव किया गया है। इन समुदायों में देवेंद्रकुलथन कल्लाड़ी कुदुंबन पल्लन पन्नाडी और वतिरियान शामिल हैं।

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    विधेयक के जरिये देवेंद्रकुलन वेल्लार के साथ देवेंद्रकुलथन समुदाय की प्रविष्टि बदल जाएगी।

    नई दिल्ली, प्रेट्र। तमिलनाडु की सात जातियों को देवेंद्रकुला वेल्लालार समुदाय में शामिल करने के प्रस्ताव को संसद की मंजूरी मिल गई है। राज्यसभा ने सोमवार को इससे संबंधित संविधान (अनुसूचित जाति)आदेश (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित कर दिया। लोकसभा में यह विधेयक पिछले हफ्ते ही पारित हो गया था। अब इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इस बिल के जरिये संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में बदलाव किया गया है।

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    इस विधेयक के जरिये देवेंद्रकुलन वेल्लार के साथ देवेंद्रकुलथन समुदाय की प्रविष्टि बदल जाएगी। अधिनियम में अभी इस समुदाय की अलग से प्रविष्टि है। लेकिन अब इसे देवेंद्र कुला वेल्लालार में समाहित किए जाने वाले समुदायों में शामिल किया गया है। इन समुदायों में देवेंद्रकुलथन, कल्लाड़ी, कुदुंबन, पल्लन, पन्नाडी और वतिरियान शामिल हैं। अलग से प्रविष्टि को खत्म कर दिया जाएगा।

    विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस विधेयक का तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है। अनुसूचित जातियों की सूची में संशोधन के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया है और इसकी शुरुआत 2015 में राज्य सरकार की तरफ से प्रस्ताव भेजने के साथ हुई थी। तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव 6 अप्रैल को होंगे।