नई दिल्ली, पीटीआइ। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (Serum Institute of India, SII) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह कोविड-19 रोधी वैक्सीन कोविशील्ड के मूवमेंट को तेज करे। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि कोविशील्ड के बढ़ते स्टाक की वजह से कोविड रोधी टीकों के उत्पादन और कोल्ड चेन स्पेस प्लानिंग में मुश्किलें आ रही हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट के पास कोविशील्ड वैक्सीन की 24,89,15,000 खुराक का स्टाक है जो हर दिन बढ़ रहा है।
आधिकारिक सूत्र ने एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह (Prakash Kumar Singh) के पत्र के हवाले से कहा है- अपनी घरेलू और वैश्विक आपूर्ति प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए हमें अपने उत्पादन/कोल्ड चेन स्पेस/मानव संसाधन की योजना पहले से ही बनानी होती है। कोविशील्ड (Covishield anti Covid Vaccine) के स्टाक में निरंतर बढ़ोतरी को देखते हुए हमें उत्पादन/कोल्ड चेन स्पेस प्लानिंग में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित किया है कि उसके पास कोविड-19 रोधी वैक्सीन कोविशील्ड की 24,89,15,000 खुराक का स्टॉक है जो हर दिन बढ़ता जा रहा है। मालूम हो कि पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (SII) कोविशील्ड वैक्सीन के अलावा ईपीआई, यूनिसेफ और विभिन्न देशों को विभिन्न जीवन रक्षक टीकों की आपूर्ति करती है। ऐसे में वैक्सीन के स्टाक का बढ़ना उसके लिए वाकई बड़ी समस्या मानी जा रही है...
सिंह ने सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि उक्त तथ्यों और वास्तविक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए चूंकि यह मामला सीधे हमारे देश और दुनिया में विभिन्न अन्य जीवन रक्षक टीकों की उपलब्धता से संबंधित है... हम कोविशील्ड वैक्सीन के फास्ट-ट्रैक घरेलू और विश्व स्तर पर मूवमेंट के लिए आपके हस्तक्षेप की गुजारिश करते हैं। सूत्र ने बताया कि केंद्र सरकार ने SII को नेपाल, ताजिकिस्तान और मोजाम्बिक को संयुक्त राष्ट्र समर्थित COVAX वैश्विक वैक्सीन कार्यक्रम के तहत कोविशील्ड की 50 लाख खुराक निर्यात करने की अनुमति दी है।
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