Move to Jagran APP

इन इंडियन सीरियल किलर्स की बेरहमी पर यकीं नहीं होता, औरत-मर्द तो छोड़िए 8 साल का बच्चा भी है लिस्ट में शामिल

एक सीरियल किले के दिमाग में किस वक्त क्या चल रहा होता है ये बता पाना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है। कुछ ऐसे ही सीरियल किलर के बारे में यहां हम बात करने जा रहे हैं जिनके द्वारा किए गए अपराधों ने लोगों को दहला दिया था।

By Versha SinghEdited By: Published: Fri, 23 Dec 2022 04:29 PM (IST)Updated: Sat, 24 Dec 2022 02:57 PM (IST)
इन इंडियन सीरियल किलर्स की बेरहमी पर यकीं नहीं होता

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। सीरियल किलर के दिमाग में क्या चल रहा है, यह जानना बेहद मुश्किल काम है। वे ये काम अपनी खुशी के लिए करते हैं और किसी व्यक्ति को मारने के लिए कई बार वह एक पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं। वे मारने की क्रिया को ऐसे देखते हैं जैसे यह किसी प्रकार की कला हो। कभी-कभी लोगों को मारने के पीछे उनका एक मकसद होता है। भयानक, है ना? एक इंसान किस तरह से बर्बरता और हिंसा के साथ किसी को मौत के घाट उतार देता है।

loksabha election banner

ये वे लोग हैं जो सामाजिक और नैतिक मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और वे ऐसे अपराध करते हैं जो अक्षम्य हैं। भारत में सीरियल किलर की मौजूदगी कोई नई बात नहीं है। भारत में इतिहास कुछ सबसे कुख्यात सीरियल किलर का गवाह रहा है, जिनके अपराधों ने इंसान को हिला के रख दिया है।

आइए जानते हैं भारत के कुछ सीरियल किलर के बारे में... जिनके अपराधों ने भारत में सनसनी मचाई थी।

मोहन कुमार (साइनाइड मोहन)

मोहन कुमार जिसे साइनाइड मोहन के नाम से भी जाना जाता है। इसे 20 महिलाओं की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के बाद वह महिलाओं को गर्भनिरोधक लेने के लिए बरगलाता था जो वास्तव में साइनाइड की गोलियां थीं। 2005 से 2009 के बीच उसने करीब 20 महिलाओं की हत्या की थी। कहा जाता है कि वह कथित रूप से बैंक धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय जालसाजी में भी शामिल था। दिसंबर 2013 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी।

देवेंद्र शर्मा

देवेंद्र शर्मा एक डॉक्टर था जिसने कारों को चुराया और लगभग 40 ड्राइवरों को मार डाला। देवेंद्र शर्मा आयुर्वेदिक दवाओं का डॉक्टर था जो लगातार कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने के अन्य तरीकों की तलाश में रहता था। इसलिए, उसने 2002 और 2004 के बीच यूपी, गुड़गांव और राजस्थान के आस-पास के इलाकों से कारें चुराना और ड्राइवरों को मारना शुरू कर दिया। बाद में उसने लगभग 30-40 ड्राइवरों को मारने की बात स्वीकार की। उसे 2008 में मौत की सजा सुनाई गई थी।

निठारी किलर्स (The Nithari Killers)

निठारी हत्यारों को 16 से अधिक बच्चों के साथ दुष्कर्म, हत्या और अपहरण का दोषी पाया गया था। बता दें कि मोहिंदर सिंह पंधेर नोएडा का एक धनी व्यवसायी था, जिसे 2005 और 2006 के बीच निठारी गांव में 16 लापता बच्चों की खोपड़ी की खोज के संबंध में उसके घर में काम करने , सुरिंदर कोली के साथ गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पुरुषों पर दुष्कर्म, नरभक्षण, पीडोफिलिया और अंगों की तस्करी का आरोप लगाया गया था। इनमें से कुछ आरोप सच थे जबकि अन्य महज अफवाह थे। कोली और पंढेर दोनों को 2017 में मौत की सजा सुनाई गई थी।

चार्ल्स शोभराज (बिकनी किलर)

चार्ल्स शोभराज बिकनी किलर ये नाम सुनते ही आपके दिमाग में शायद एक शातिर कातिल की तस्वीर बन जाए, एक ऐसा रहस्यमय रवैये वाला किलर जिसके अपराध और उसकी हरकतों के पीछे उसके बचपन की कोई कुंठा छुपी हुई थी।

चार्ल्स शोभराज ने 1975 से 1976 के बीच दक्षिण पूर्व एशिया के विभिन्न हिस्सों में लगभग 20 से ज्यादा लोगों की हत्या की थी। अन्य हत्यारों के विपरीत, शोभराज अपने पीड़ितों को मारता था और फिर उनके पैसे लूट लेता था।

फ्लोरल बिकनी पहने महिलाओं के दो शव मिलने के बाद उसे 'बिकनी किलर' का नाम दिया गया था। उसे भारत में बंदी बनाया गया था जहां वह 1976 से 1997 तक जेल में रहा। बाद में 2004 में उसे नेपाल में गिरफ्तार किया गया और उसे 23 दिसंबर को नेपाल की जेल से रिहा कर दिया गया है। 

केडी केम्पम्मा (साइनाइड मल्लिका)

केडी केम्पम्मा जिसे "साइनाइड मल्लिका" के नाम से भी जाना जाता है, भारत की पहली सजायाफ्ता महिला सीरियल किलर थी जिसने 6 महिलाओं की हत्या की थी।

बैंगलोर में रहने वाली केडी केम्पम्मा जिन पर 1999 और 2007 के बीच 6 महिलाओं की हत्या करने का आरोप लगा था। उस पर आरोप था कि उसने निम्न मध्यम वर्ग की महिलाओं को टारगेट किया जो घरेलू हिंसा का सामना कर रही थीं और फिर उनका सामान भी लूट लिया। उसे 2007 में गिरफ्तार किया गया था और अब उसे आजीवन कारावास दिया गया है।

रेणुका शिंदे और सीमा गावित

रेणुका शिंदे और सीमा गावित दोनों बहनें थीं, जिन्होंने 6 से अधिक बच्चों को मार डाला। हत्यारी बहनों को कम उम्र में ही उनकी मां ने उन्हें चोर बनने का प्रशिक्षण दिया था। जल्द ही दोनों बहनों ने छोटे बच्चों का अपहरण करना शुरू कर दिया क्योंकि उन्हें पता चला कि अगर वे पकड़े गए तो आरोपों के खिलाफ बचाव के रूप में उनका इस्तेमाल करना आसान था। जो भी बच्चा उनके लिए समस्या पैदा करने लगा उसे मार दिया गया। बाद में उन पर सत्र न्यायालय द्वारा 13 अपहरण और 9 हत्याओं का आरोप लगाया गया। दोनों आरोपी महिलाओं को मृत्युदंड दिया गया है।

ठग बेहराम

ठग बेहराम भारत का कुख्यात हत्यारा था, जो एक के बाद एक हत्याएं करता था। इसने कथित तौर पर 931 से अधिक लोगों को मार डाला था। ठग बेहराम एक कुख्यात ठगी पंथ का नेता था जो पूरे मध्य भारत में घूमता था। ये ठग यात्रा करने वाले समूहों को पकड़ने के लिए जाना जाता था। फिर वो निर्दोष पीड़ितों का सामान लूटने से पहले उनका गला घोंटने के लिए अपने रूमाल का इस्तेमाल करता था। ऐसा माना जाता है कि बेहराम ने 931 से अधिक लोगों की हत्या की थी, लेकिन उसने केवल 125 लोगों की हत्या करना कबूल किया था। बेहराम को 1840 में उसके द्वारा किए गए अपराधों के लिए फांसी दे दी गई थी।

रमन राघव (पाइस्को रमन)

रमन राघव सिजोफ्रेनिक सीरियल किलर था जिसने 23 से अधिक लोगों की जान ली थी। रमन राघव, जिन्हें 'पाइस्को रमन' भी कहा जाता है, 1960 के दशक में मुंबई की झुग्गियों में रहने वालों को आतंकित करने के लिए जाना जाता था। वह अपने पीड़ितों को मारने के लिए लाठी का इस्तेमाल करता था। जब उसे गिरफ्तार किया गया तब उसने 23 लोगों की हत्या करने की बात कबूल की। हालाँकि, उनका कबूलनामा इस तथ्य को देखते हुए अत्यधिक संदिग्ध था कि वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं था। 1995 में किडनी फेल होने से उसकी मृत्यु हो गई।

एम. जयशंकर

एम. जयशंकर पर 30 महिलाओं के साथ दुष्कर्म और 15 महिलाओं की हत्या का आरोप था। एम. जयशंकर एक भारतीय अपराधी था, जिस पर 2008 और 2011 के दौरान दुष्कर्म और हत्याओं का आरोप लगाया गया था। ऐसा माना जाता है कि वह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 30 दुष्कर्म, 15 हत्या और डकैती के मामलों में शामिल था। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और बैंगलोर में कैद कर दिया गया जहाँ उसके मानसिक रूप से बीमार होने का पता चला। जेल से भागने की कई असफल कोशिशों के बाद उसने 2018 में आत्महत्या कर ली थी।

दरबारा सिंह (बेबी किलर)

दरबारा सिंह जिसे 'बेबी किलर' के नाम से भी जाना जाता है। इस पर 15 से अधिक लड़कियों और 2 लड़कों की हत्या का आरोप लगाया गया था।

दरबारा सिंह पर अप्रैल से सितंबर 2004 के बीच 15 लड़कियों और दो लड़कों की हत्या करने का आरोप लगाया गया था। वह पीड़ितों का गला काटकर हत्या कर देता था। उसे मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में पर्याप्त सबूतों के अभाव में उच्च न्यायालय ने उसे बरी कर दिया था। 2018 में आजीवन कारावास की सजा काटते हुए उसकी मृत्यु हो गई, उसके खिलाफ और भी मामले हैं जो मुकदमे के लिए लंबित हैं।

किलर अक्कू यादव

एक स्थानीय गुंडे अक्कू यादव को 3 महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने और उनकी हत्या करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। अक्कू यादव 32 वर्षीय एक स्थानीय गुंडा था जो एक दशक से अधिक समय से अपने क्षेत्र में महिलाओं का दुष्कर्म और उनकी हत्या करता था। यह दावा किया जाता है कि पुलिस ने उसके खिलाफ आरोपों को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया क्योंकि वह उन्हें रिश्वत दे रहा था।

नागपुर जिला न्यायालय के ठीक बाहर 200 से अधिक महिलाओं की भीड़ द्वारा उसे पीट-पीट कर मार डाला गया था। उसे कई बार चाकू मारा गया और उस पर लाल मिर्च पाउडर और पत्थर फेंके गए। उनमें से एक महिला ने उसका लिंग भी काट दिया था।

संतोकबेन सरमनभाई जडेजा उर्फ गॉडमदर

संतोकबेन सरमनभाई जडेजा उर्फ गॉडमदर के खिलाफ हत्या के 14 मामले दर्ज थे। 1987 से 1996 तक, संतोकबेन सरमनभाई जडेजा ने गुजरात के पोरबंदर इलाके में अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए एक गिरोह को नियंत्रित किया।

रिपोर्टों के अनुसार, उसने अपने गिरोह के सदस्यों को प्रतिद्वंद्वी समूह के एक सदस्य को मारने के लिए प्रत्येक को एक लाख रुपए की पेशकश की, जिसके परिणामस्वरूप उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ 500 से अधिक मामले और उसके खिलाफ हत्या से संबंधित 14 मामले दर्ज किए गए। इतना सब करने के बाद भी उसने 1990 से 1995 तक विधायक के रूप में काम किया। 1999 में शबाना आजमी स्टारर गॉडमदर संतोकबेन सरमनभाई जडेजा के जीवन और समय पर आधारित है।

शशिकला रमेश पाटनकर उर्फ बेबी

मुंबई की सबसे शातिर ड्रग पेडलर में से एक शशिकला रमेश पाटनकर उर्फ बेबी थी। जैसे ही उन्हें ड्रग्स बेचने में लाभ का एहसास हुआ, शशिकला रमेश पाटणकर ने दूध विक्रेता की नौकरी छोड़ दी और ड्रग्स बेचना शुरू कर दिया और कुछ ही समय में मुंबई के ड्रग सर्किट में एक कुख्यात नाम बन गई। कुछ दशकों तक ड्रग्स का कारोबार करने के बाद कारोबार से 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति इकट्ठा करने के बाद बेबी पाटणकर को आखिरकार 2015 में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

अमरदीप सदा 

इस लिस्ट में सबसे कम उम्र का एक सीरियल किलर 8 साल के इस लड़के ने 3 बच्चों को मार डाला। उसकी अपनी बहन जो केवल 8 महीने की थी, छह महीने की चचेरी बहन और उसी उम्र की एक और पड़ोसी। बदनामी से बचने के लिए उसके परिवार ने बहन और चचेरे भाई की मौत को छुपाया था। लेकिन जब पड़ोसी की बेटी की हत्या हुई तो पूरा गांव इस किलर के खिलाफ भड़क गया और पुलिस बुला ली गई। उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह इन बच्चों को एक सुनसान मैदान में ले गया था और उन्हें तब तक ईंटों से मारा जब तक वे मर नहीं गए। वह शवों को सूखे घास और पत्तों के ढेर के नीचे छिपा देता था। इस बच्चे ने बिना किसी डर या पछतावे के सब कुछ कबूल कर लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.