SC: 'गर्मियों की छुट्टियों में वरिष्ठ वकीलों को नहीं होना चाहिए पेश', जानें क्यों कही सुप्रीम कोर्ट ने यह बात
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वरिष्ठ वकीलों को मामलों में पेश होकर बहस नहीं करनी चाहिए। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि छुट्टियों के दौरान कनिष्ठ वकीलों को मौका दिया जाना चाहिए। पीठ ने कहा वरिष्ठ वकीलों को इन आंशिक कार्य दिवसों के दौरान मामलों में बहस नहीं करनी चाहिए।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि गर्मियों की छुट्टियों के दौरान वरिष्ठ वकीलों को मामलों में पेश होकर बहस नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के 2025 के हालिया प्रकाशित कैलेंडर के अनुसार शीर्ष अदालत में गर्मियों की छुट्टियां 26 मई, 2025 से प्रारंभ हुई हैं और ये 14 जुलाई, 2025 को समाप्त होंगी।
पीठ ने वकील मनु सिंघवी से कही ये बात
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि छुट्टियों के दौरान कनिष्ठ वकीलों को मौका दिया जाना चाहिए। पीठ ने वरिष्ठ वकीलों मुकुल रोहतगी, अभिषेक मनु सिंघवी और नीरज किशन कौल से कहा, 'वरिष्ठ वकीलों को इन आंशिक कार्य दिवसों के दौरान मामलों में बहस नहीं करनी चाहिए।'
सुप्रीम कोर्ट की पारंपरिक गर्मियों की छुट्टियां होती हैं
ये वकील नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल के एक आदेश के विरुद्ध दायर याचिका के संबंध में प्रस्तुत हुए थे। मामले में प्रस्तुत वकीलों में से एक ने स्थगन की मांग की थी क्योंकि वरिष्ठ वकील श्याम दीवान उपलब्ध नहीं थे। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने अपनी पारंपरिक गर्मियों की छुट्टियों को आंशिक कार्य अदालती दिवस नाम दिया है।
यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 में संशोधन का हिस्सा है जो अब सुप्रीम कोर्ट (द्वितीय संशोधन) नियम, 2024 हो गए हैं जिन्हें पांच नवंबर को अधिसूचित किया गया था।
छुट्टियों की संख्या ऐसे होती है तय
अधिसूचना के अनुसार, 'आंशिक अदालती कार्य दिवसों की संख्या और अदालत व अदालत के कार्यालयों के लिए छुट्टियों की संख्या प्रधान न्यायाधीश द्वारा निर्धारित और सरकारी गजट में अधिसूचना के अनुसार होगी जो 95 दिनों से अधिक नहीं होगी और इनमें रविवार शामिल नहीं होंगे।'
सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बंद नहीं होता
मौजूदा व्यवस्था के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में हर वर्ष गर्मियों एवं सर्दियों की छुट्टियां होती हैं। इस अवधि में सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बंद नहीं होता। गर्मियों के दौरान महत्वपूर्ण एवं तात्कालिक मामलों की सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश अवकाशकालीन पीठों का गठन करते हैं। नव-संशोधित नियमों में अवकाशकालीन जज के स्थान पर जज शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।