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Sena vs Sena: कौन है असली शिवसेना? फैसला करने के लिए 7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Sena vs Sena महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को असली पार्टी घोषित करने के आदेश को चुनौती देने वाली ठाकरे गुट की याचिका पर सात मार्च को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इससे पहले इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष 1 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना था।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Fri, 01 Mar 2024 12:13 PM (IST)
Sena vs Sena: कौन है असली शिवसेना? फैसला करने के लिए 7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
Sena vs Sena शिवसेना मामले की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई।

एजेंसी, नई दिल्ली। Sena vs Sena असली शिवसेना की लड़ाई अब एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। कोर्ट ने कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस आदेश को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सात मार्च को सुनवाई करेगा, जिसमें शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को 'असली पार्टी' घोषित किया गया है। 

7 मार्च को होगी सुनवाई

ठाकरे गुट की याचिका को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष 1 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना था। ठाकरे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने याचिका का उल्लेख किया और कहा कि यह कार्य सूची में नहीं है।

उन्होंने न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से आग्रह किया कि इसे 7 मार्च को सूचीबद्ध किया जाए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम इसे 7 मार्च को सुनवाई के लिए तैयार हैं।

1 मार्च को सूचीबद्ध होना था मामला

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कई मामले, जिन्हें 1 मार्च को सूचीबद्ध किया जाना था, उन्हें सूची में शामिल नहीं किया जा सका क्योंकि पीठ को जल्दी उठना पड़ा। 5 और 12 फरवरी को सिब्बल द्वारा याचिका का उल्लेख करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को स्पीकर के आदेश को चुनौती देने वाली ठाकरे गुट की याचिका पर मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समूह के अन्य सांसदों को नोटिस जारी किया था। तब कोर्ट ने इसे दो हफ्ते बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।

ठाकरे गुट का यह है आरोप

ठाकरे गुट ने आरोप लगाया है कि शिंदे ने 'असंवैधानिक रूप से सत्ता को हथिया लिया' और महाराष्ट्र में "असंवैधानिक सरकार" का नेतृत्व कर रहे हैं।

10 जनवरी को पारित एक आदेश में, स्पीकर नार्वेकर ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को खारिज कर दिया और उसे असली पार्टी बताया था।