भारत में चिप क्रांति, भारतीय इंजीनियर और कुशल युवाओं पर दुनिया की नजर
भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। डिजाइनिंग फैब निर्माण और पैकेजिंग में एक साथ विकास हो रहा है। माइक्रोन जैसी अमेरिकी कंपनियाँ भारतीय युवाओं को नौकरी देने की पेशकश कर रही हैं। ताइवान की डेल्टा इलेक्ट्रॉनिक्स को भारतीय युवाओं की क्षमता पर पूरा भरोसा है। चिप निर्माण के लिए आवश्यक मशीनों और केमिकल्स की फैक्ट्रियां भी भारत में लग रही हैं।

राजीव कुमार, जागरण, नई दिल्ली। भारतीय युवाओं की पहचान आज दुनिया में कंप्यूटर या साफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में होती है, लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में भारतीय युवा सेमीकंडक्टर इंजीनियर के रूप में भी दुनियाभर में पहचान बनाएंगे।
इसकी सबसे बड़ी वजह है कि भारत में सेमीकंडक्टर से जुड़े डिजाइनिंग, फैब निर्माण और पैके¨जग तीनों क्षेत्रों का एक साथ विकास हो रहा है। इस क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को भारतीय युवाओं की प्रतिभा पर पूरा भरोसा है।
अमेरिकी कंपनी नौकरी देने की पेशकश कर रही
इसी कड़ी में, अमेरिका की माइक्रोन कंपनी सेमीकान इंडिया 2025 में भारतीय युवाओं को नौकरी देने की पेशकश कर रही है। कंपनी के स्टाल पर आने वाले युवा माइक्रोन में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कंपनी ने बताया कि उन्हें रिसर्च से लेकर हर क्षेत्र में युवाओं की आवश्यकता है, इसलिए वे आवेदन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।चिप निर्माण में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाले ताइवान की कंपनी डेल्टा इलेक्ट्रानिक्स इंडिया के प्रेसिडेंट बेंजामिन लिन ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रानिक्स क्रांति के मुहाने पर खड़ा है।
हमें भारतीय युवाओं की क्षमता पर पूरा भरोसा है। यही कारण है कि चिप निर्माण के लिए आवश्यक मशीनों, गैसों और केमिकल्स की फैक्टि्रयां भी भारत में लग रही हैं। इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, चिप निर्माण में 500 केमिकल्स और 50 प्रकार की गैसों का उपयोग होता है और इन सभी के निर्माण के लिए भारत में फैक्टि्रयां लगाई जा रही हैं।
भारत की बढ़ेगी हिस्सेदारी
भविष्य में चिप निर्माण से जुड़ी मशीनें भी भारत में बनेंगी। इस प्रकार, चिप निर्माण का पूरा इको सिस्टम हजारों रोजगार के अवसर पैदा करेगा और दुनिया को कुशल श्रमिकों की सप्लाई करेगा।
चिप डिजाइनिंग से जुड़ी कंपनी मीडिया टेक इंडिया के प्रबंध निदेशक अंकु जैन ने बताया कि दुनिया में बनने वाली 20 प्रतिशत चिप की डिजाइनिंग भारत में होती है। जब फैब निर्माण और पैकेजिंग में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी तो हजारों टेक्नोलाजी छात्रों की आवश्यकता होगी, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि चिप में दुनिया की प्रगति को गति देने की ताकत है और इस क्षमता को पैदा करने वाले युवाओं की मांग हर देश में होगी।
तैयार किया जा रहा सेमीकंडक्टर फोर्स
भारत के 200 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों में सेमीकंडक्टर की युवा फोर्स को तैयार किया जा रहा है। इस साल के अंत से कामर्शियल स्तर पर चिप का उत्पादन शुरू होने के बाद भारतीय चिप उद्योग के कुशल श्रमिकों की मांग तेजी से बढ़ेगी। भारत में इंजीनियरिंग, विज्ञान और गणित में 25 लाख से अधिक युवा ग्रेजुएट होते हैं जोकि किसी अन्य देश की तुलना में काफी अधिक है।
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