Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'भविष्य के युद्ध जीतने के लिए आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी', एयर मार्शल भारती ने प्रगति की धीमी रफ्तार को दुखद बताया

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 01 Oct 2025 06:55 AM (IST)

    एयर मार्शल भारती ने एयरो टेक इंडिया 2025 पर आयोजित कार्यक्रम में भविष्य के युद्धों पर बात करते हुए कहा कि देश को सामरिक स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण तकनीक में छलांग लगानी पड़ेगी। भविष्य के युद्ध जीतने के लिए यह स्पष्ट है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। भारती ने कहा कि संकट के समय में आप किसी पर भरोसा नहीं कर सकते।

    Hero Image
    'भविष्य के युद्ध जीतने के लिए आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी', एयर मार्शल भारती (फाइल फोटो)

     एएनआइ, नई दिल्ली। वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने जोर देकर कहा कि भारतीय सैन्य क्षेत्र को तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना होगा। इसमें वायु सेना को सक्रियता से स्वदेशी परियोजनाओं पर काम करना होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     स्वदेशी इंजन के उत्पादन में अगले 10-12 वर्ष लग सकते हैं

    उन्होंने स्वदेशी इंजन उत्पादन का महत्व बताते हुए कहा कि स्वदेशी इंजन के उत्पादन में अगले 10-12 वर्ष लग सकते हैं। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ औद्योगिक हितधारकों को मिलकर काम करना होगा।

    कार्यक्रम में बोल रहे थे एयर मार्शल

    एयर मार्शल भारती ने एयरो टेक इंडिया 2025 पर आयोजित कार्यक्रम में भविष्य के युद्धों पर बात करते हुए कहा कि देश को सामरिक स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण तकनीक में छलांग लगानी पड़ेगी। भविष्य के युद्ध जीतने के लिए यह स्पष्ट है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा।

    भारती ने कहा कि संकट के समय में आप किसी पर भरोसा नहीं कर सकते। उस दौरान अगर अहम उपकरणों की उपलब्धता बाधित हुई, तो हम उनका उत्पादन अचानक नहीं बढ़ा पाएंगे। आरामतलबी से काम नहीं चलनेवाला है।

    केवल ताकतवर होने से युद्ध नहीं जीते जा सकते- एयर मार्शल भारती

    उन्होंने जोर दिया कि केवल ताकतवर होने से युद्ध नहीं जीते जा सकते, बल्कि नवोन्मेष तेज करना होगा, उसे बेहतर तरीके से एकीकृत करना होगा।एयर मार्शल भारती ने कहा कि भारत को सुरक्षित चिप, कम्युनिकेशन सिस्टम, हाइपरसोनिक मिसाइल, एयरक्राफ्ट और अंतरिक्ष से जुड़े यंत्रों-उपकरणों में उन्नत क्षमता हासिल करने की जरूरत है।

    स्वदेशीकरण पर बहुत ही ज्यादा काम हो रहा है

    उनके मुताबिक आइडिया को तेजी से तकनीक में तब्दील करने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वदेशीकरण पर बहुत ही ज्यादा काम हो रहा है, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन विचारों को अमलीजामा पहनाने का काम बहुत ही ज्यादा धीमा है और वही कष्ट का विषय है।

    उन्होंने इस बारे में भी विस्तार से बात की कि किस तरह से युद्ध का तरीका बदल रहा है, जिसमें कम लागत वाले यूएवी से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एडवांस हाईटेक प्लेटफार्म भी शामिल होते जा रहे हैं।

    भविष्य के संघर्ष स्पेक्ट्रम के सारे छोर पर लड़े जाएंगे

    एयर मार्शल का कहना है कि एक बार काइनेटिक एक्शन शुरू हो जाए तो भविष्य के संघर्ष स्पेक्ट्रम के सारे छोर पर लड़े जाएंगे। इसमें सिर्फ हाटेक टैंक, एयरक्राफ्ट या शिप नहीं होंगे, बल्कि ड्रोन और यूएवी सिस्टम की भी भरमार होगी। भविष्य का युद्ध मानव और मशीन में तालमेल, रोबोट और एआइ वाले आटोनोमस सिस्टम इंसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे।