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    Central Vista Project: पर्यावरण नियमों में फंसा सेंट्रल विस्टा एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव, SEIAA ने CPWD के प्रस्ताव को आठ महीनों बाद भी नहीं दी मंजूरी

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Wed, 10 Aug 2022 04:30 AM (IST)

    सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव में प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय का निर्माण किया जाना है। यहां आने वाले वृक्षों के प्रत्यारोपण को लेकर सीपीडब्ल्यूडी ने पिछले साल प्रस्ताव भेजा था। एसईआइएए को भेजने से पहले प्रस्ताव की जांच एसईएसी द्वारा की जाती है।

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    एसईआइएए ने सीपीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव को आठ माह बाद भी नहीं दी स्वीकृति

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनाए जा रहे एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव के निर्माण की योजना पर्यावरण नियमों में फंस गई है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा करीब आठ माह पूर्व इस संबंध में भेजे गए प्रस्ताव को दिल्ली राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआइएए) ने स्वीकृति नहीं दी है। इस प्रस्ताव की समीक्षा के लिए दिल्ली राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) ने एक उपसमिति का गठन किया है, जो साइट का दौरा कर यह सुनिश्चित करेगी कि प्रस्ताव में दिल्ली की पर्यावरण नीति का पालन हो रहा है अथवा नहीं।

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    सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव में प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिवालय का निर्माण किया जाना है। यहां आने वाले वृक्षों के प्रत्यारोपण को लेकर सीपीडब्ल्यूडी ने पिछले साल प्रस्ताव भेजा था। एसईआइएए को भेजने से पहले प्रस्ताव की जांच एसईएसी द्वारा की जाती है। इस संबंध में शनिवार को एसईएसी की बैठक हुई थी। इस बैठक के जो दस्तावेज हाथ लगे हैं, उनके मुताबिक इसमें पेड़ो को बनाए रखने के लिए योजना बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए एक उपसमिति का गठन किया है, जो वृक्ष प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली की नीति के क्रियान्वयन की जांच करेगी। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2020 में नीति अधिसूचित की थी। इसके तहत संबंधित एजेंसियों को विकास कार्य से प्रभावित होने वाले कम से कम 80 प्रतिशत पेड़ों का प्रत्यारोपण करना आवश्यक है, जिसमें प्रत्यारोपित किए गए वृक्षों के जीवित रहने की दर 80 प्रतिशत होनी चाहिए।

    एसईएसी ने पहली बार 31 जनवरी को एक बैठक में प्रस्ताव की जांच की थी। इसमें एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव की साइट से अत्याधिक पेड़ों को हटाए जाने को लेकर चिंता जताई थी। इस पर सीपीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव को संशोधित किया था, जिसमें प्रत्यारोपित किए जाने वाले पेड़ों की संख्या 630 से घटाकर 487 कर दी गई थी। इसके अलावा छेड़छाड़ नहीं किए जाने वाले पेड़ों की संख्या 154 से बढ़ाकर 320 कर दी गई। इसके बाद नौ अप्रैल को हुई बैठक में एसईएसी ने पर्यावरण मंजूरी के लिए एसईआइएए को संशोधित प्रस्ताव की सिफारिश करने का फैसला किया। इसे एसईआइएए ने 19 अप्रैल को दिल्ली सरकार की वृक्ष प्रत्यारोपण नीति-2020 के मानकों पर जांचने के लिए एसईएसी को वापस भेज दिया था।

    1,381 करोड़ की है परियोजना

    सीपीडब्ल्यूडी के संशोधित प्रस्ताव के मुताबिक 1,381 करोड़ रपये की इस परियोजना में 1,022 पेड़ों का रखरखाव किया जाएगा। ताकि, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रति 80 वर्गमीटर भूखंड में एक पेड़ का मानक पूरा किया जा सके। साइट पर 47,000 वर्गमीटर के निर्मित क्षेत्र को ध्वस्त कर 90,000 वर्गमीटर में कुल पांच भवनों का निर्माण किया जाना है।