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बढ़ते मामलों के बावजूद देश में घट रही कोरोना संक्रमण की दर, आंकड़ों पर डालें एक नजर

देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने के बावूजद राष्ट्रीय वृद्धि दर में गिरावट के संकेत दिखाई दे रहे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 07:24 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 07:24 AM (IST)
बढ़ते मामलों के बावजूद देश में घट रही कोरोना संक्रमण की दर, आंकड़ों पर डालें एक नजर
बढ़ते मामलों के बावजूद देश में घट रही कोरोना संक्रमण की दर, आंकड़ों पर डालें एक नजर

नई दिल्‍ली। देश में कोरोना वायरस के मामले बहुत ही तेजी से बढ़ रहे हैं। 15 मई से 20 मई के मध्य जहां पर कोरोना वायरस के मामले हर दिन 4 हजार से 5 हजार के बीच थे, वहीं पिछले तीन दिनों में यह मामले 9 हजार से 10 हजार के बीच रहे हैं। हालांकि देश के संक्रमण के मामलों की दर घट रही है। कोरोना वायरस के राष्ट्रीय औसत दर में आधा फीसद की कमी आई है। आइये जानते हैं क्या है इसके मायने।

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रोजाना वृद्धि दर धीमी

देश के 25 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। संक्रमण के मामलों की दर यहां पर राष्‍ट्रीय दर से अधिक है और इसके बाद भी राष्ट्रीय वृद्धि दर पिछले दो सप्ताह से गिरावट दर्शा रही है। हालांकि इसे समझाना काफी मुश्किल है। पहले मामले में अगर नए मामले रोजाना बढ़ते हैं तो वे उसी वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए आवश्यकता से कम होते हैं। दूसरे मामले में, 25 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की वृद्धि दर तेज अपेक्षाकृत तेज है जबकि राष्ट्रीय वृद्धि दर निश्चित समयावधि में कम मामले दर्शाती है। जो राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान निश्चित समयावधि में राष्ट्रीय वृद्धि में अधिकतम योगदान देते हैं वे महत्वपूर्ण रूप से धीमी गति से बढ़ रहे हैं।

साथ ही ये अन्य राज्यों की उच्च वृद्धि दर पर भी नकारात्मक असर डालते हैं। इसलिए, हर दिन नए मामलों में वृद्धि हो रही है और वृद्धि दर में एक साथ कमी आ रही है। उदाहरण के तौर पर शुक्रवार को देश में 9500 नए मामले सामने आए। यह गुरुवार को सामने आए 10,000 मामलों से कम है। सात दिन के संयुक्त रोजाना वृद्धि दर भी 4.61 से गिरकर 4.52 हो गई। 

कम हो रहा है प्रसार

वृद्धि दर में कमी इस तथ्य से पैदा हुई है कि संक्रमण के मामलों के प्रसार की दर पिछले दो महीने से लगातार नीचे जा रही है। यह उन लोगों की औसत संख्या है जो पहले से संक्रमित व्यक्तियों के द्वारा संक्रमण का शिकार बनते हैं। चेन्नई में गणितीय विज्ञान के इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डॉ. सीताभरा सिन्हा और उनके सहयोगियों के आकलन के अनुसार, 100 संक्रमित लोगों का एक ग्रुप अन्य 122 लोगों में वायरस का प्रसार करता है। इस तरह देश में एक व्यक्ति द्वारा 1.22 व्यक्ति को संक्रमित किया जाता है। इस महामारी के दौरान यह सबसे कम है। लॉकडाउन के पहले चरण में यह संख्या 1.83 थी। यद्यपि यह संख्या एक से नीचे आएगी, तभी महामारी का वास्तविक रूप से पतन शुरू होगा।

अनलॉक-1 में गिरावट

इस संख्या में कमी को लॉकडाउन उपायों और प्रतिबंधों से जोड़कर के देखा जा रहा है। हालांकि अनलॉक-1 में भी इसमें काफी गिरावट देखी जा रही है। साथ ही महाराष्ट्र में कमी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत के कुल मामलों का 35 फीसद से अधिक महाराष्ट्र से आता है और इसी कारण यह राष्ट्रीय स्तर पर असंगत प्रभाव डालता है।

9 जून तक 1.35 लाख सक्रिय मामलों का अनुमान

16 मई और 26 मई के मध्य सीताभरा और उनके सहयोगियों ने अनुमान लगाया था कि एक व्यक्ति द्वारा 1.23 लोगों को संक्रमित किया जाएगा और उसके आधार पर 30 मई तक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 1.35 लाख पहुंचेगी। हालांकि वास्तविक संख्या उससे बहुत कम 90,000 थी, क्योंकि महाराष्ट्र में एक व्यक्ति द्वारा अन्य को संक्रमित करने के मामलों में कमी आई थी। अब उनका अनुमान है कि 1.35 लाख की संख्या 9 जून तक पहुंच जाएगा। नौ दिन की देरी कमी का परिणाम है।


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