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सीट बेल्ट और हेलमेट से बच सकती हैं 40 प्रतिशत जानें, हर साल सड़क दुर्घटना में 15 लाख लोगों की होती है मौत

डब्ल्यूएचओ के अनुसार 1.3 अरब लोगों की जान दुर्घटना के कारण जा चुकी है जबकि पांच करोड़ मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं के कारण हर साल लगभग डेढ़ लाख लोगों की जान जाने की बात कही है। फिक्की की रिपोर्ट बताती है कि हर 24 सेकेंड में एक व्यक्ति की जान दुर्घटना में चली जाती है। डब्ल्यूएचओ ने सड़क हादसों को जान लेने वाला आठवां सबसे बड़ा कारण बताया है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Tue, 18 Jul 2023 11:51 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jul 2023 11:51 PM (IST)
डब्ल्यूएचओ के अनुसार 1.3 अरब लोगों की जान दुर्घटना के कारण जा चुकी है-

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केवल सीट बेल्ट और हेलमेट पहनने से देश में सड़क हादसों के कारण चालीस प्रतिशत मौतें रोकी जा सकती हैं। ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति संवेदनशीलता और जोखिम के प्रति जागरूकता की जरूरत जताने वाला यह निष्कर्ष फिक्की और अर्नस्ट एंड यंग की एक रिपोर्ट में सामने आया है।

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क्या कहा गया रिपोर्ट में ?

इसके अनुसार, 30 प्रतिशत मौतों की वजह हेलमेट न पहनने और 11 प्रतिशत सीट बेल्ट लगाने में लापरवाही की देन होती है। अगर सुरक्षा के इन उपायों को अनिवार्य रूप से आजमाया जाए तो सड़क हादसों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश में हर साल 15 लाख लोगों की जान जाती है, यह दुनिया में इस कारण होने वाली मौतों का 11 प्रतिशत है।

हर 24 सेकेंड में एक व्यक्ति की दुर्घटना में चली जाती जान

यह संख्या सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी की गई 2021 की रिपोर्ट के मुकाबले लगभग दस गुना अधिक है। मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं के कारण हर साल लगभग डेढ़ लाख लोगों की जान जाने की बात कही है। मंगलवार को जारी फिक्की की रिपोर्ट बताती है कि हर 24 सेकेंड में एक व्यक्ति की जान दुर्घटना में चली जाती है। डब्ल्यूएचओ ने सड़क हादसों को जान लेने वाला आठवां सबसे बड़ा कारण बताया है।

क्या कहता है डब्ल्यूएचओ?

डब्ल्यूएचओ के अनुसार 1.3 अरब लोगों की जान दुर्घटना के कारण जा चुकी है, जबकि पांच करोड़ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पांच से 29 साल की आयु में यह बच्चों और युवाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण है। भारत में सड़क सुरक्षा शीर्षक से जारी फिक्की की रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल हमारा देश इस्टोनिया की कुल आबादी के बराबर लोगों को सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं के कारण गंवा देता है।

चुनौती से निपटने के लिए सरकारों तथा उद्योग घरानों के बीच सहयोग

भारत ब्राजीलिया घोषणापत्र का हस्ताक्षरकर्ता है, जिसका 2030 तक दुनिया में सड़क हादसों और मौतों की संख्या आधा करना है। इस रिपोर्ट को उड़ीसा सरकार की परिवहन, जल संसाधन तथा वाणिज्य मंत्री तुकुनी साहू ने जारी किया। उन्होंने इस विषय और चुनौती से निपटने के लिए सरकारों तथा उद्योग घरानों के बीच सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि सीट बेल्ट और हेलमेट का इस्तेमाल न केवल हाईवे में किया जाए, बल्कि शहरों के भीतर की सड़कों पर भी किया जाए।

इस अवसर पर संसद सदस्य और फिक्की फोरम आफ पार्लियामेंटेरियंस के प्रमुख राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है और कारपोरेट समूहों, नीति-निर्माताओं और नागरिकों को मिलकर इसके लिए प्रयास करना होगा।


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