बच्चे की श्वास नली में तीन महीने से फंसा स्क्रू निकाला
तीन महीने पहले खेलने के दौरान स्क्रू निगल गए पोरबंदर के ढाई वर्षीय मासूम मयंक मोरजरिया की जान बच गई। सोमवार को राजकोट के चिकित्सक डॉ. हिमांशु ठक्कर ने श्वास नली में फंसे स्क्रू को सर्जरी के जरिये निकाल कर बच्चे को नई जिंदगी दी। मयंक को नाजुक हालत में
राजकोट: तीन महीने पहले खेलने के दौरान स्क्रू निगल गए पोरबंदर के ढाई वर्षीय मासूम मयंक मोरजरिया की जान बच गई। सोमवार को राजकोट के चिकित्सक डॉ. हिमांशु ठक्कर ने श्वास नली में फंसे स्क्रू को सर्जरी के जरिये निकाल कर बच्चे को नई जिंदगी दी। मयंक को नाजुक हालत में 25 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे तेज बुखार और खांसी थी। वह खाना नहीं खा पा रहा था।
डॉ. ठक्कर के अनुसार, 'करीब तीन महीने पहले मयंक ने स्क्रू निगल लिया था। तकलीफ बढ़ने पर उसके परिजन स्थानीय डॉक्टर के यहां ले गए। चिकित्सक ने कुछ दवाइयां देकर कहा- खतरे वाली कोई बात नहीं।
बाद में जब बच्चे की हालत खराब हुई तो उस डॉक्टर ने जवाब दे दिया। तब परेशान परिवार वाले उसे लेकर मेरे पास आए।' उन्होंने बताया, 'एक्सरे से पता चला कि स्क्रू श्वास नली में धंसा हुआ है। उसे निकालना आसान नहीं था। क्योंकि ब्रांकोस्कोपी (सांस की नली की सर्जरी) के दौरान श्वास नली के फटने और बच्चे की मौत होने की आशंका थी।'
डॉ. हिमांशु ठक्कर ने कहा, 'लेकिन सर्जरी सफल रही। आपरेशन के बाद मयंक अब ठीक है। उसे हल्का खाना दिया गया। बच्चे को मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।'
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