Pakistan की ऐसी बेइज्जती कभी नहीं हुई... शहबाज के सामने मोदी ने सुनाई खरी-खरी; SCO नेताओं का भी मिला समर्थन
SCO summit शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों को अस्वीकार्य बताया। उन्होंने वैश्विक समुदाय से एकजुट होकर आतंकवाद का मुकाबला करने का आह्वान किया। एससीओ घोषणा पत्र में आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर जोर दिया गया।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ भारत का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अभियान लगातार जारी है। इस क्रम में सोमवार को टियांजिन (चीन) में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की सालाना शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरापन स्वीकार्य नहीं है।
इस मंच पर पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ भी मौजूद थे और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी। भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर पाकिस्तान की भूमिका जगजाहिर है जबकि चीन भी वैश्विक मंचों पर कई बार इस मुद्दे पर अपने मित्र देश पाकिस्तान को कवर देता रहता है।
घोषणा पत्र में आतंकवाद की कड़ी भर्त्सना की गई
बहरहाल, एससीओ सम्मेलन के बाद जो घोषणा पत्र जारी किया गया है उसमें हर तरह के आतंकवाद की कड़ी भर्त्सना की गई है। एससीओ ने भी कहा है कि आतंकवाद पर दोहरा व्यवहार स्वीकार नहीं होगा। इसे भारतीय रुक के महत्वपूर्ण समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए वैश्विक समुदाय से एकजुट होकर इस चुनौती का मुकाबला करने का आह्वान किया। इआतंकवाद को मानवता के लिए साझा खतरा बताते हुए उन्होंने किसी भी रूप में आतंकवाद के समर्थन को अस्वीकार्य करार दिया।
पीएम मोदी ने कहा,
आतंकवाद सिर्फ किसी देश की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए चुनौती है। कोई भी देश, समाज या नागरिक इससे सुरक्षित नहीं है। हमें स्पष्ट रूप से कहना होगा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंड स्वीकार्य नहीं होंगे।
पीएम ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए इसे मानवता के खिलाफ खुली चुनौती बताया और इस दुख की घड़ी में भारत के साथ खड़े होने वाले मित्र देशों का आभार जताया।
अल-कायदा पर कार्रवाई की मांग
पीएम मोदी ने भारत की एससीओ नीति को तीन स्तंभों सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने एससीओ-रैट्स के तहत अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई का नेतृत्व किया और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज उठाई।
कनेक्टिविटी पर भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए पीएम ने चाबहार पोर्ट और इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर जैसे प्रयासों का उल्लेख किया, जो अफगानिस्तान और मध्य एशिया से संपर्क बढ़ाएंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि कनेक्टिविटी के प्रयासों में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान जरूरी है।
ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को कैद रखना अन्याय
पीएम मोदी ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में कैद रखना अन्याय है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ पर इसके सुधार का आह्वान किया।
एससीओ नेताओं की बैठक के बाद जारी घोषणा पत्र में भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई। इसमें कहा गया कि संगठन के सदस्य देश आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं और आतंकी समूहों का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है।
घोषणा पत्र में दोहरे मापदंडों को खारिज करते हुए आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सीमा पार आतंकियों की आवाजाही रोकने पर जोर दिया गया। यह आतंकवाद के खिलाफ एससीओ का अभी तक का सबसे कड़ा बयान है।
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