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    कुछ ही घंटों में सूखकर फिर से भर जाने वाली झील की गुत्थी सुलझाने में जुटे विज्ञानी, जानें कहां है रहस्यमयी लेक

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 07:25 AM (IST)

    उत्तरी आयरलैंड की पहाड़ियों में स्थित रहस्यमयी झील लोघारीमा या द वैनिशिंग लेक ने विज्ञानियों को वर्षों से उलझन में डाल रखा है। यह झील जिसे दुनिया के सबसे रहस्यमय भूवैज्ञानिक स्थलों में से एक माना जाता है सुवह पूरी तरह भरी हो सकती हैलेकिन कुछ ही घंटों वाद यह पूरी तरह खाली हो जाती है। अब शोधकर्ता इस अद्भुत घटना के रहस्यों को उजागर करने के प्रयास में हैं।

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    द वैनिशिंग लेक की गुत्थी सुलझाने में जुटे विज्ञानी (फाइल फोटो)

     जेएनएन, नई दिल्ली। उत्तरी आयरलैंड की पहाड़ियों में स्थित रहस्यमयी झील लोघारीमा या द वैनिशिंग लेक ने विज्ञानियों को वर्षों से उलझन में डाल रखा है। यह झील, जिसे दुनिया के सबसे रहस्यमय भूवैज्ञानिक स्थलों में से एक माना जाता है, सुबह पूरी तरह भरी हो सकती है, लेकिन कुछ ही घंटों वाद यह पूरी तरह खाली हो जाती है।

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    अब, शोधकर्ता इस अद्भुत घटना के रहस्यों को उजागर करने के प्रयास में विस्तृत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू कर रहे हैं। झील में पानी आने और गायब होने को लेकर भूविज्ञानियों ने कई तरह की अटकलें लगाई हैं।

    झील से जुड़ी स्थानीय मान्याताएं

    स्थानीय लोगों के लिए, लोघारीमा का विचित्र व्यवहार भूत-प्रेतों से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि जिन रातों में झील पूरी तरह भरी होती है, तटरेखा पर एक प्रेत का साया होता है। कुछ लोग यहां केल्पी (घोड़े जैसा जीव जो इंसानी रूप धारण कर सकता है) के दिखने का दावा करते हैं। एक अन्य स्थानीय किवदंती के अनुसार, 19वीं शताब्दी के अंत में लोगों से भरी एक बग्घी यहां डूब गई थी। गहरे पानी में फंसे लोगों की आवाजें आज भी सुनाई देती हैं।

    भूमिगत जल निकासी प्रणाली का अनुमान

    ब्रिटिश जियोलाजिकल सर्वे के जल-भूविज्ञानी डा. पाल विल्सन ने हाल ही में लौघरीमा का विस्तृत अध्ययन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि लौघरीमा एक गतिशील भू-दृश्य है और झील के पास पहुंचने पर यह अनुमान लगाना रोमांचक है कि यह किस अवस्था में मिलेगी। इसमें तीन नदियां बहती है और कोई भी इससे बाहर नहीं निकलती है।

    विल्सन का अनुमान है कि झील के बिल्कुल नीचे एक सिंक है, जो सारा पानी एक भूमिगत जल निकासी प्रणाली में बहा देता है। हालांकि इसे अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। डॉ. विल्सन का अध्ययन दो भागों में है। पहले भाग में झील की टाइमलैप्स तस्वीरें लेने के लिए एक कैमरे का इस्तेमाल किया गया है। दूसरे भाग में, झील के भरने और खाली होने की दर को मापने के लिए विभिन्न स्थानों पर जल स्तर लागर का उपयोग किया गया है।

    दबाव और तलछट से संबंधित अन्य सिद्धांत

    लाइव साइंस द्वारा प्रस्तुत झील के व्यवहार के बारे में एक सिद्धांत, दबाव और तलछट से संबंधित है। इस सिद्धांत के अनुसार झील में बहने वाली तीन नदियां अपने साथ मलबा भी लाती हैं, जो झील के तल में समा जाता है और अंततः पानी के नीचे के नाले को ढक देता है। जब छेद पूरी तरह से बंद हो जाता है, तो पानी का स्तर तेजी से बढ़ जाता है। जब पानी एक निश्चित स्तर पर पहुंच जाता है, तो नाले पर पड़ने वाला दबाव छेद को अचानक खोल देता है। इस प्रक्रिया के दौरान, पानी फिर से बहना शुरू हो जाता है और झील खाली होने लगती है। यह प्रक्रिया चलती रहती है।

    ( इनपुट- जागरण रिसर्च)

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