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    कर्मचारी की पत्नी से शादी नहीं कर पाया तो करा दी थी हत्या, SC ने सुनाई उम्रकैद की सजा

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Fri, 29 Mar 2019 12:06 PM (IST)

    रेस्टोरेंट मालिक ने आठ लोगों के साथ मिलकर कर्मचारी की निर्मम तरीके से हत्या करवा दी थी। हत्या का ये सनसनी खेज मामला वर्ष 2001 का है।

    कर्मचारी की पत्नी से शादी नहीं कर पाया तो करा दी थी हत्या, SC ने सुनाई उम्रकैद की सजा

    नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण भारतीय चेन रेस्टोरेंट सर्वना भवन के मालिक राजगोपाल की उम्रकैद की सजा बरक़रार रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सात जुलाई 2019 तक रेस्टोरेंट मालिक पी राजगोपाल को समर्पण करने का आदेश दिया है। राजगोपाल को वर्ष 2001 में अपने कर्मचारी की हत्या मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाी है।

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    पी राजगोपाल ने अक्टूबर 2001 में अपने एक कर्मचारी प्रिंस शांताकुमार का अपहरण कर हत्या करा दी थी। दरअसल, वह एक ज्योतिष की सलाह पर उस कर्मचारी की पत्नी से शादी करना चाहता था। इसलिए उसने कर्मचारी की हत्या करवा दी थी। मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने वर्ष 2009 में पी राजगोपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसी केस में मद्रास हाईकोर्ट ने आठ अन्य दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

    रेस्टोरेंट मालिक पी राजगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाी के दौरान उसे किसी तरह की राहत नहीं मिली है। मद्रास हाईकोर्ट से पहले एक विशेष अदालत ने हत्या में शामिल रेस्टोरेंट मालिक राजगोपाल और पांच अन्य लोगों को दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।

    ये है पूरा मामला
    इस मामले की शुरूआत 1990 के दशक से शुरू हुई, जब राजगोपाल की नजर अपने जीवाजोती नाम की एक महिला पर पड़ी। वह राजगोपाल के रेस्टोरेंट चेन में काम करने वाले पूर्व असिस्टेंट मैनेजर की बेटी थी। उस वक्त राजगोपाल की दो पत्नियां थीं और वह जीवाजोती से तीसरी शादी करना चाहता था। हालांकि, जीवाजोती ने शादी करने से इंकार कर दिया।

    जीवाजोती ने राजगोपाल के प्रस्ताव को ठुकराव कर 1999 में एक पूर्व ट्यूशन टीचर शांताकुमार से शादी कर ली, जिसने बाद में सर्वना भवन रेस्टोरेंट में नौकरी शुरू कर दी। इसके बाद भी राजगोपाल ने कई बार शांताकुमार और उनकी पत्नी जीवाजोती को शादी तोड़ने के लिए धमकाया। हालांकि, दंपत्ति पर इन धमकियों का कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद एक अक्टूबर 2001 में दंपति ने राजगोपाल के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई। इसमें उन्होंने राजपोगाल के गुर्गों द्वारा उनका अपहरण करने और धमकानेका आरोप लगाया। इसके कुछ हफ्तों बाद 26 अक्टूबर 2001 को शांताकुमार का चेन्नई से अपहरण कर लिया गया। इसके बाद उसी दिन उसकी हत्या कर दी गई थी।