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    SC to Kejriwal Govt: 'हमें हल्के में न लें, नहीं तो हम...', केजरीवाल सरकार से सुप्रीम कोर्ट नाराज, सिंघवी को भी लगा दी फटकार

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 10 Jun 2024 04:29 PM (IST)

    SC to Kejriwal Govt on Water Crisis दिल्ली में जल संकट के एक मामले में केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी है। सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उसकी याचिका में खामियों को दूर न करने पर फटकार लगाई जिसमें हरियाणा को ज्यादा पानी छोड़ने का निर्देश देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि फिर ये गलती हुई तो याचिका खारिज हो जाएगी।

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    SC to Kejriwal Govt on Water Crisis केजरीवाल सरकार को लगी फटकार।

    एजेंसी, नई दिल्ली। दिल्ली में जल संकट (SC to Kejriwal Govt on Water Crisis) लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में अतिरिक्त पानी की मांग के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पहुंची हुई है। उसी मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और सुनवाई टाल दी। 

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    दिल्ली सरकार को फटकार

    समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उसकी याचिका में खामियों को दूर न करने पर फटकार लगाई, जिसमें हरियाणा को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह हिमाचल प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को कम करने के लिए दिए गए अतिरिक्त पानी को जारी करे। 

    हमें हल्के में न लें...

    न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की अवकाश पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि सरकार द्वारा दायर याचिका में खामियों के कारण रजिस्ट्री में हलफनामे स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। आपने खामियों को दूर क्यों नहीं किया? हम याचिका खारिज कर देंगे। पिछली तारीख पर भी इस ओर ध्यान दिलाया गया था और आपने खामियों को दूर नहीं किया। अदालती कार्यवाही को हल्के में न लें, चाहे आपका मामला कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, हमें हल्के में न लें। 

    अभिषेक मनु सिंघवी को फटकार

    कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को फटकार लगाते हुए कहा कि दाखिल किए गए दस्तावेजों को ठीक कीजिए, तब तक इसे स्वीकार नहीं किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा,

    आप अदालत में सीधे कई दस्तावेज सौंपते हैं और फिर कहते हैं कि आपके पास पानी की कमी है और आज ही आदेश पारित कर दीजिए। आप सभी तरह की अत्यावश्यकताएं उठा रहे हैं और फिर आराम से बैठ जाते हैं। 

    तो हम मीडिया रिपोर्टों से प्रभावित होंगे...

    पीठ ने इसके बाद मामले की सुनवाई 12 जून तक के लिए स्थगित करते हुए कहा, "सब कुछ रिकॉर्ड पर आ जाना चाहिए। हम इसे परसों लेंगे।" शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले की सुनवाई से पहले फाइलें पढ़ना चाहती है, क्योंकि अखबारों में बहुत सी बातें बताई जा रही हैं। अगर हम अपने आवासीय कार्यालय में फाइलें नहीं पढ़ेंगे तो अखबारों में जो कुछ भी लिखा जाएगा, उससे हम प्रभावित होंगे। 

    हरियाणा के वकील ने भी दाखिल किया जवाब

    शुरुआत में हरियाणा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल जवाब प्रस्तुत किया। शीर्ष अदालत ने दीवान से पूछा कि उन्होंने अब जवाब क्यों दाखिल किया। दीवान ने जवाब दिया कि चूंकि दिल्ली सरकार की याचिका में खामियों को दूर नहीं किया गया है, इसलिए रजिस्ट्री द्वारा जवाब को पहले दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई।

    पानी पर न हो राजनीतिः सुप्रीम कोर्ट

    इसके बाद शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि खामियों को दूर कर दिया गया है। शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि दिल्ली में पीने के पानी की भारी कमी एक "बड़ी समस्या" बन गई है और हिमाचल प्रदेश सरकार को शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया ताकि इसका प्रवाह सुगम हो सके। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि पानी को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।