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    किन्नरों को आरक्षण पर SC ने केंद्र व राज्यों को किया तलब, पूछा-'आप मामले के लिए हाई कोर्ट क्यों नहीं गए'

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 11:28 PM (IST)

    याचिकाकर्ता के वकील ने जब खंडपीठ को बताया कि उन्हें किन्नरों के लिए सरकारी रोजगार और शिक्षा में आरक्षण चाहिए। इस पर खंडपीठ ने पूछा कि आप इस मामले को लेकर हाई कोर्ट क्यों नहीं गए और सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों चले आए? हर कोई अनुच्छेद 32 का सहारा लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों चला आता है। आप पहले हाई कोर्ट जाइये।

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    सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से जवाब तलब करते हुए नोटिस जारी कर दिया।

    नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने किन्नरों के सरकारी रोजगार और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ केरल के एक किन्नर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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    खंडपीठ ने से किया सवाल

    याचिकाकर्ता के वकील ने जब खंडपीठ को बताया कि उन्हें किन्नरों के लिए सरकारी रोजगार और शिक्षा में आरक्षण चाहिए। इस पर खंडपीठ ने पूछा कि आप इस मामले को लेकर हाई कोर्ट क्यों नहीं गए और सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों चले आए? हर कोई अनुच्छेद 32 का सहारा लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों चला आता है। आप पहले हाई कोर्ट जाइये।

    क्या कहा याचिकाकर्ता के वकील ने ?

    इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट इसलिए आए हैं क्योंकि इस याचिका को लेकर सभी राज्य पक्षकार बन चुके हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से जवाब तलब करते हुए नोटिस जारी कर दिया। ध्यान रहे कि संविधान के अनुच्छेद 32 में भारतीय नागरिकों को अपने मूलभूत अधिकारों को उपयुक्त सुनवाई के जरिये लागू करवाने के लिए सीधे सुप्रीम कोर्ट जानने का अधिकार है।