Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'फ्लाइट में एक बार मेरे साथ भी...', पेशाब कांड पर सुनवाई करते हुए SC के जज ने सुनाया किस्सा

    By Agency Edited By: Manish Negi
    Updated: Tue, 26 Nov 2024 07:22 PM (IST)

    एयर इंडिया की उड़ान के दौरान सहयात्री पर पेशाब करने के मामले में सुनवाई की। अदालत ने केंद्र सरकार और डीजीसीए को अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यापक दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा है। अदालत में 73 वर्षीय महिला हेमा राजारामन की याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस विश्वनाथन ने भी इसी तरह की घटना का एक अनुभव साझा किया जब वह जस्टिस सूर्यकांत के साथ यात्रा कर रहे थे।

    Hero Image
    पेशाब कांड पर सुनवाई करते हुए जज ने सुनाया किस्सा

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उपद्रवी विमान यात्रियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को निर्देश दिया है कि वे अधिक व्यापक दिशा-निर्देश तैयार करें जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के हों। साथ ही कहा कि इस बारे में कुछ रचनात्मक करने की जरूरत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ 73 वर्षीय महिला हेमा राजारामन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन पर नवंबर, 2022 में एअर इंडिया की उड़ान के दौरान एक पुरुष सहयात्री शंकर मिश्रा ने नशे की हालत में कथित रूप से पेशाब कर दी थी। हेमा ने इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए केंद्र, डीजीसीए व सभी विमानन कंपनियों को एसओपी बनाने के निर्देश देने की मांग की है।

    पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्या भाटी से कहा कि संबंधित अधिकारियों को वर्तमान दिशानिर्देशों की पड़ताल करने और उसमें उचित संशोधन करने के निर्देश दिए जाएं। जस्टिस विश्वनाथन ने भी इसी तरह की घटना का एक अनुभव साझा किया जब वह जस्टिस सूर्यकांत के साथ यात्रा कर रहे थे।

    हमारा हाल का एक अनुभव है। दो यात्री शराब के नशे में धुत थे। उनमें से एक वाशरूम गया और वहां सो गया। दूसरा बाहर था और उल्टी करने के लिए बैग लिए हुए था। चालक दल के सभी सदस्य महिलाएं थीं और करीब 30-35 मिनट तक कोई भी दरवाजा नहीं खोल पाया। तब चालक दल सदस्यों ने मेरे सहयात्री से दरवाजा खोलने और उस यात्री को सीट तक पहुंचाने का आग्रह किया। यह 2.40 घंटे की उड़ान थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए थे नोटिस

    शीर्ष अदालत ने महिला की याचिका पर मई, 2023 में केंद्र, डीजीसीए व एअर इंडिया समेत सभी एयरलाइनों को नोटिस जारी किए थे। महिला का कहना है कि उनकी याचिका जनहित से प्रेरित है। इसका मकसद इस तरह की घटनाओं को रोकने और उनसे इस तरह से निपटने के लिए एयरलाइन इंडस्ट्री में एक तंत्र स्थापित करने का प्रयास करना है जिससे पीडि़त यात्रियों को और यंत्रणा न झेलनी पड़े। उन्होंने मीडिया रिपोर्टिंग के लिए भी स्पष्ट दिशानिर्देशों की मांग की है। गौरतलब है कि इस मामले में आरोपित शंकर मिश्रा को दिल्ली की अदालत ने 31 जनवरी, 2023 को जमानत प्रदान कर दी थी।

    ये भी पढ़ें:

    'हमारा संविधान हमारे वर्तमान और भविष्य का मार्गदर्शक है', 26/11 पर भी बोले पीएम मोदी