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    सुशांत सिंह राजपूत केस की कवरेज को लेकर SC सख्त, 'चैनलों के लिए स्व-नियामन तंत्र को मजबूत किया जाए'

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Tue, 15 Aug 2023 08:06 AM (IST)

    टीवी समाचार चैनलों की निगरानी के लिए मौजूदा स्व-नियमन तंत्र में खामी का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इसे अधिक प्रभावी बनाना चाहता है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार से उसकी प्रतिक्रिया मांगी। इसने संकेत दिया कि वह इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी करेगा। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट किया।

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    सुशांत सिंह राजपूत केस की कवरेज को लेकर SC सख्त

    नई दिल्ली, प्रेट्र। टीवी समाचार चैनलों की निगरानी के लिए मौजूदा स्व-नियमन तंत्र में खामी का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह इसे अधिक प्रभावी बनाना चाहता है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार से उसकी प्रतिक्रिया मांगी।

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    अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में हुई थी अनियंत्रिता

    इसने संकेत दिया कि वह इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी करेगा। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट किया कि वह मीडिया पर कोई सेंसरशिप लागू नहीं करना चाहती।

    हालांकि, इसने इस बात पर भी जोर दिया कि समाचार चैनलों के लिए स्व-नियमन तंत्र प्रभावी होना चाहिए। कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की कवरेज के दौरान कुछ चैनल 'अनियंत्रित' हो गए।

    स्व-नियमन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है।

    शीर्ष अदालत ने न्यूज ब्राडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) से कहा कि वह न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंड‌र्ड्स अथारिटी के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) एके सीकरी और पूर्व अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) आरवी रवींद्रन के साथ विचार-विमर्श करे।

    जस्टिस सीकरी और रवींद्रन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं। बांबे हाई कोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ एनबीडीए की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीशों से इनपुट लेकर सभी मौजूदा सामग्रियों पर ध्यान देने के बाद स्व-नियमन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है।

    सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की कवरेज को 'अवमाननापूर्ण' माना।

    शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि स्व-नियमन तंत्र के उल्लंघन के लिए टीवी समाचार चैनल पर अधिकतम जुर्माना केवल एक लाख रुपये लगाया जा सकता है, जो 2008 में तय किया गया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि मीडिया ट्रायल अदालत की अवमानना है। इसने प्रेस से आग्रह किया कि वह ''लक्ष्मण रेखा'' को पार न करे। हाई कोर्ट ने कुछ समाचार चैनलों द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की कवरेज को 'अवमाननापूर्ण' माना।