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    ममता सरकार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच पर लगाई रोक

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्मचारी चयन आयोग के भीतर अवैध नियुक्तियों की किसी भी आगे की जांच पर रोक लगा दी। भारत के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश के तहत लिया गया यह निर्णय विवादास्पद नियुक्तियों को लेकर चल रही कानूनी कार्यवाही के बीच आया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 6 मई को सुनवाई करेगी।

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Mon, 29 Apr 2024 05:19 PM (IST)
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    सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच पर लगाई रोक (Image: ANI)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है। दरअसल, शीर्ष अदालत 25,753 शिक्षकों की नियुक्ति को अमान्य करने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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    6 मई को होगी अगली सुनवाई

    मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर 6 मई को सुनवाई करेगी। पीठ ने कहा, 'हम उस निर्देश पर रोक लगाएंगे जिसमें कहा गया है कि सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी।'

    मनमाने ढंग से किया रद्द- राज्य सरकार की अपील

    बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई अवैध नियुक्तियों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त पद के सृजन को मंजूरी देने में राज्य सरकार में शामिल व्यक्तियों के संबंध में आगे की जांच करेगी। इसमें कहा गया था कि अगर आवश्यक हुआ तो सीबीआई इसमें शामिल ऐसे लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। आदेश को चुनौती देते हुए, राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी अपील में कहा कि उच्च न्यायालय ने नियुक्तियों को 'मनमाने ढंग से' रद्द कर दिया।

    याचिका में क्या था?

    याचिका में कहा गया कि 'उच्च न्यायालय पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द करने के प्रभाव को समझने में विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता राज्य को ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना, तत्काल प्रभाव से शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सीधे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया, जिससे शिक्षा व्यवस्था ठप है।'

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