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    एससी/एसटी परिवारों को उज्ज्वला योजना का मिला ज्यादा लाभ

    By Jagran News NetworkEdited By:
    Updated: Mon, 07 May 2018 08:54 PM (IST)

    मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी योजना उज्ज्वला का सबसे अधिक लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की महिलाओं को मिला है।

    एससी/एसटी परिवारों को उज्ज्वला योजना का मिला ज्यादा लाभ

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्ष भले ही मोदी सरकार और उसकी नीतियों के अनुसूचित जाति विरोधी होने का आरोप लगाती है, लेकिन सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के आंकड़े इससे उलट हैं। गरीब महिलाओं को धुंए से निजात दिलाने के लिए चलाई जा रही मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी योजना उज्ज्वला का सबसे अधिक लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की महिलाओं को मिला है। अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी देश की कुल आबादी की एक चौथाई से थोड़ा कम है, लेकिन उज्ज्वला योजना के तहत कुल बांटे गए गैस कनेक्शन का 44 फीसद से अधिक इनके पास पहुंचा है।

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    दरअसल, इस समय देश में कुल जनसंख्या का 16.2 फीसद अनुसूचित जाति और 8.2 फीसद अनुसूचित जनजाति के लोग हैं। उज्ज्वला योजना के तहत सबसे अधिक लाभ इसी समुदाय के लोगों को मिला है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल 23 मार्च तक उज्ज्वला योजना पूरे देश में तीन करोड़ 51 हजार से अधिक मुफ्त गैस कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। इनमें से 44.2 फीसद मुफ्त गैस कनेक्शन इन्ही परिवारों को गए हैं।

    अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवारों तक मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाने में सफलता की कहानी कुछ राज्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लाभ सभी राज्यों में अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवारों को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति की आबादी 21 फीसद के करीब है, लेकिन यहां बंटे कुल मुफ्त गैस कनेक्शन का 40 फीसद इन तक पहुंचा है। वैसे इस योजना का लाभ उठाने में पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु के अनुसूचित जाति के लोग सबसे आगे रहे हैं। हरियाणा में उनकी आबादी 19 फीसद और पंजाब में 29 फीसद है। लेकिन इनमें उज्ज्वला के लाभार्थियों में अनुसूचित जाति का अनुपात क्रमश: 48 फीसद और 68 फीसद है।

    मार्च 2019 तक इस योजना के तहत कुल पांच करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है। जाहिर इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आधी से अधिक आबादी तक इसे पहुंचा दिया गया। वैसे सरकार ने 2022 तक आठ करोड़ परिवारों तक इस योजना को पहुंचाने का नया लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के सभी परिवारों को इसके तहत कवर कर लिया जाएगा। यानी 2022 तक अनुसूचित जाति और जनजाति का एक भी परिवार नहीं बचेगा, जिसके पास गैस कनेक्शन नहीं हो।