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एससी-एसटी एक्ट के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन, कई शहरों में धारा 144 लागू

एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हालात बेकाबू होने लगे हैं। जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 08:26 AM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 10:30 AM (IST)
एससी-एसटी एक्ट के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन, कई शहरों में धारा 144 लागू
एससी-एसटी एक्ट के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन, कई शहरों में धारा 144 लागू

भोपाल (नईदुनिया)। एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हालात बेकाबू होने लगे हैं। जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसे में छह सितंबर के प्रस्तावित बंद के साथ ही प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए मध्य प्रदेश प्रशासन ने कई जगह धारा 144 लागू कर दी है।

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एससी-एसटी एक्ट के विरोध में पांच और छह सितंबर को प्रस्तावित आंदोलन को लेकर समूचे ग्वालियर चंबल अंचल में प्रशासन हाई अलर्ट पर है। शिवपुरी के बाद मुरैना, भिंड, श्योपुर और छतरपुर के कलेक्टरों ने जिले में प्रतिबंधात्मक धारा 144 लगा दी है। दतिया में यह धारा बुधवार से लगाई जाएगी।

काले झंडे दिखाकर चूडि़यां फेंकी

मुख्यमंत्री के रथ पर पथराव के विरोध में मंगलवार को श्योपुर के गांधी चौक पर धरना दे रहे भाजपा नेताओं के बीच एक्ट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी घुस आए और काले झंडे दिखाए। प्रदर्शनकारियों ने चूड़ियां फेंकीं और अध्यादेश को खारिज करने की मांग की। शाजापुर में भाजपा ने धरने में सपाक्स के लोग पहुंचे और काले झंडे दिखाए। आगर के नलखेड़ा में सपाक्स की बैठक हुई। इसमें सुसनेर विधानसभा से उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया गया। नीमच जिले के तीन और गांवों के लोगों ने नोटा में वोट देने का ऐलान कि या है। पूर्व में 11 गांव एक्ट के विरोध में प्रदर्शन में शामिल हो चुके हैं। उज्जैन में सपाक्स कार्यकर्ताओं ने सांसद चिंतामणि मालवीय का पुतला फूंकने की कोशिश की।

अजा और सवर्ण-पिछड़ा वर्ग दोनों का प्रदर्शन

शिवपुरी में एक्ट के विरोध में छह सितंबर को सवर्ण-पिछड़ा वर्ग बंद कराएगा तो वहीं पांच सितंबर को अजा वर्ग संविधान बचाओ आंदोलन के तहत कलेक्ट्रेट का घेराव करने जा रहा है। जिले में मंगलवार से ही धारा 144 लागू कर दी गई है।

नोटा नहीं बल्कि उत्तम विकल्प देंगे

ग्वालियर में मंगलवार को सवर्णों की ओर से आयोजित किए गए प्रदर्शन में कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन करने के लिए सरकार के पास दो माह का समय है। इसमें संशोधन कर लिया जाए। इसके बाद नोटा का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि देश को एक उत्तम विकल्प देंगे।

सपाक्स ने व्यापारियों से समर्थन मांगा

छह सितंबर के बंद को लेकर सपाक्स सहित अन्य संगठन सक्रिय हो गए हैं। मंगलवार को उन्होंने व्यापारियों से समर्थन मांगा। सागर संभाग के पांचों जिलों में सपाक्स ने बंद का आह्वान किया है। भोपाल में सपाक्स समाज संस्था के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन हटाने तक संघर्ष जारी रहेगा। छह सितंबर को बुलाए गए बंद का समर्थन किया जाएगा। इसी के साथ संस्था ने सफेद और काले रंग का झंडा तय कर लिया है। आगे से इसी झंडे के तले आंदोलन होंगे। वहीं, मंगलवार देर शाम कलेक्टरों को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि किसी तरह की अनापेक्षित घटना ना हो यह सुनिश्चित करते रहें।

छत्तीसगढ़ में भी सुलगी आग

एसटी-एससी एक्ट में संशोधन के खिलाफ छत्तीसगढ़ में भी आग सुलगने लगी है। मंगलवार को राज्य मुख्यालय पर सवर्ण समाज के लोगों ने बैठक की, जिसमें संयुक्त आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया गया है। सबसे पहले तो सवर्णों के घरों के बाहर पोस्टर लगवाए जाएंगे, जिसमें 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बहाल करो' लिखा होगा। इसके साथ ही, सवर्णों का आंदोलन सड़क पर भी जल्द नजर आएगा।

साथ आया ओबीसी समाज

छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष और ब्राह्माण समाज के नेता विरेंद्र पांडे, कुर्मी समाज के नेता राकेश सिंह बैस की उपस्थिति में सवर्णों की बैठक हुई, जिसमें ब्राह्माण, सिख, सिंधी, मुस्लिम, कुर्मी, साहू, मारवाड़ी, क्षत्रिय समेत अन्य सामान्य व ओबीसी वर्ग के लोग शामिल हुए।

सांसद -विधायक सहमति नहीं देंगे, तो करेंगे विरोध

बैठक में यह भी तय हुआ कि छत्तीसगढ़ के सांसदों को पत्र लिखेंगे और उनसे आगामी लोकसभा सत्र में संशोधन विधेयक को निरस्त करने के लिए प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया जाएगा। अगर, सांसद सत्र में प्रस्ताव नहीं लाएंगे तो उनका विरोध किया जाएगा। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के सभी प्रत्याशियों से भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर लिया जाएगा। जिस प्रत्याशी से सहमति नहीं मिलेगी, उसे सवर्ण समाज के लोग वोट नहीं देंगे। छत्तीसगढ़ बंद पर भी विचार हो रहा है।


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