बंगाल चुनाव हिंसा मामला : TMC नेता की याचिका पर SC ने फैसला रखा सुरक्षित, ममता के चुनाव एजेंट थे सुपियन
बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंनदीग्राम एजेंट एसके सुपियन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा (West Bengal post-poll violence) मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंनदीग्राम एजेंट एसके सुपियन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
West Bengal post-poll violence | Supreme Court reserves order on Trinamool Congress leader SK Supiyan's plea challenging an order of the Calcutta High Court which rejected his anticipatory bail plea. He was the election agent of Chief Minister Mamata Banerjee in Nandigram. pic.twitter.com/QJeUCFrVXp
— ANI (@ANI) February 4, 2022
बता दें कि कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा सुपियन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। वह नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट थे। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा, हम एक आदेश पारित करेंगे।
सुपियन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि चार्जशीट में उनके मुवक्किल का नाम नहीं है और कहा कि यह मामला राजनीतिक और दुर्भावनापूर्ण है। अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अमन लेखी ने सुपियन की याचिका का विरोध किया और कहा कि अन्य सह-आरोपी पहले से ही हिरासत में हैं। लेखी ने यह भी कहा कि मामले की प्रकृति, आरोपी की परिस्थितियों को देखते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप अनुचित है।
शीर्ष अदालत तृणमूल कांग्रेस नेता एसके सुपियन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने हलफनामे में सुपियन द्वारा दायर याचिका का विरोध किया है और अदालत से राहत की मांग करने वाली उनकी याचिका को खारिज करने का आग्रह किया। सीबीआई ने कहा कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी और उसकी हिरासत में पूछताछ को सही ठहराने के लिए एजेंसी के पास ठोस कारण हैं।