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    सु्प्रीम कोर्ट ने किया आधार संबंधी याचिका पर सुनवाई में तेजी लाने से इंकार

    By Mohit TanwarEdited By:
    Updated: Thu, 05 Jan 2017 02:26 PM (IST)

    SC ने कहा कि निजी एजेंसियों द्वारा डेटा संग्रह एक अच्छा विचार नहीं है।

    नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार कोे आधार कार्ड संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामलें पर तेजी लाने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही SC ने कहा कि निजी एजेंसियों द्वारा डेटा संग्रह एक अच्छा विचार नहीं है।

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    आज कितना जरुरी है आधार

    मार्च 2016 में आधार टार्गेटेड डिलिवरी ऑफ फायनेंशियल एंड अदर सब्सिडीस, बेनिफिट्स एंड सर्विसेस एक्ट 2016 बनाया गया और इसमें भी इसे अनिवार्य की शर्त नहीं रखी, बावजूद इसके अब देश से लेकर विदेश तक इसके बिना कोई काम नहीं होता। गरीब को सरकारी दुकान से राशन लेना हो या फिर अमीर को बड़ा कोई ट्रांजेक्शन करना हो, आधार बिना काम नहीं चल रहा।

    जानिए कैसे कानून में उलझा आधार

    2009 में यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया का गठन हुआ। नंदन नीलेकणी इसके अध्यक्ष बनाए गए। 2010 में इस संबंध का बिल राज्य सभा में लाया गया। लोकसभा में इसके परीक्षण के लिए कमेटी बनाई। 2011 में इसे नामंजूर कर दिया गया। जरूरी बदलाव कर फिर से लागू करने की कवायद 2012 में आधार प्राधिकरण को अवैधानिक बताते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। इसमें फंडामेंटल राइट्स का हनन माना और इसे जरूरी नहीं किए जाने की बात कही।

    2013 में सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी कि आधार नहीं होने पर कोई व्यक्ति परेशान न हो। यह जरूरी नहीं है।2014 में सीबीआइ से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आधार से जुड़ी जानकारियां शेयर करने की अनुमति दी। 2015 में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यी बेंच ने फिर निर्णय लिया कि एलपीजी, पीडीएस जैसे जरूरी सेवाओं में आधार की वजह से लोग वंचित नहीं हो सकते। इसमें राइट्स ऑफ प्रायवेसी को व्यक्ति का मौलिक अधिकार बताया।

    2016 मार्च में आधार बिल 2016 लोकसभा में लाया गया। राष्ट्रप्रति ने भी सहमति दी, लेकिन इसे लागू करने के लिए कुछ समय देने की बात कही। सांसद जयराम नरेश ने इसे मनी बिल कहते हुए फिर याचिका लगाई। कुछ बदलावों के बाद पांच अधिनियमों के साथ यह बिल बना।

    कैसे महत्वपूर्ण बनता चला गया आधार

    बिना आधार वालों को रसाई गैस पर सब्सिडी बंद की। हरियाणा बोर्ड ने परीक्षा में बैठने के लिए आधार कार्ड जरूरी। मुंबई में प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन्स के लिए फिं गर प्रिंट रिकॉगनाइजेशन कराया जा रहा है। डिजिटल सिग्नेचर और प्रॉपर्टी के दस्तावेज स्कैन करने से ही पूरी खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। किराएदार को प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन करने हैं तो उनके लिए उपस्थित होना जरूरी नहीं है।

    अस्पताल, फॉर्म लैब्स और पैथोलोजी में मरीज की जानकारी को साझा करने से लेकर ई-हॉस्पिटल सेवाएं लेने आधार से अपॉइंटमेंट बुक करने की सुविधा है।तरुपति के बालाजी मंदिर में अंगप्रदक्षिणम रस्म को करने के लिए बुकिंग के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। छात्र राज्य सरकार या यूजीसी से किसी तरह की स्कॉलरशिप चाहता है तो उसे यूआईडीएआई द्वारा जारी आधार कार्ड प्रस्तुत करना जरूरी है।

    डिजिटल इंडिया के तहत डि जिलॉकर बनाया गया, जिसमें आधार जरूरी है। म्युचुअल फंड निवेशकों को आधार से जोड़ा गया है। नेशनल पेंशन स्कीम में खाता खोलने आधार अनिवार्य कर दिया है।

    आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को आधार कार्ड के जरिए आयकर रिटर्न को ई- वेरिफाई करने की सुविधा देता है।

    आंध्र प्रदेश में व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफि केट, लर्निंग लाइसेंस, परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन का मालिकाना हक बदलने के लिए जुलाई 2015 से आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। ई-इंश्योरेंस के लिए लोगों को ई- इंश्योरेंस खाता रखना जरूरी किया, जिसे आधार से जोड़ा है।

    बच्चों के लिए चलने वाली सारी योजनाएं जैसे मिड- डे मील, प्राइमरी हेल्थकेयर और आरंभिक शिक्षा के लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं उनका लाभ पाने आधार कार्ड जरूरी है। आंगनवाड़ी और स्कूल आधार कार्ड से जुड़े हैं उन्हें ही वित्तीय सहायता दी जा रही है। पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का अहम हिस्सा बन गया है।