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Supreme Court ने बरेली की छात्रा के आत्महत्या का मामला सीबीआई को सौंपा, जल्द रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश के बरेली में एमबीबीएस की छात्रा के आत्महत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले की जांच सीबीआई करेगी और दो जांत एजेंसियां इसका सहयोग करेगी।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariPublished: Thu, 26 Jan 2023 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jan 2023 05:21 PM (IST)
बरेली की एसबीबीएस की छात्रा का आत्महत्या का मामला सीबीआई के पास पहुंचा।

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 19 वर्षीय एमबीबीएस छात्रा की मौत की जांच करने का निर्देश दिया है। दरअसल, यह मामला 2017 का है जब उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में अपने छात्रावास के कमरे में एक लड़की ने कथित तौर पर आत्महत्या कर लिया था। जांच एजेंसियों द्वारा पेश किए गए रिपोर्ट को देखते हुए न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने सीबीआई को जांच पूरी होने के बाद उपयुक्त अदालत में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।                     

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दो जांच एजेंसियों ने पेश की अलग-अलग रिपोर्ट

जजों की पीठ ने कहा, "एक बच्ची ने अपने मेडिकल की पढ़ाई के दौरान आत्महत्या कर ली। इस मामले में दो जांच एजेंसियों ने दो अलग-अलग रिपोर्ट पेश की है। एक एजेंसी की रिपोर्ट में दो लोगों को आरोपी बताया गया है वहीं, दूसरी जांच एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है।" पीठ ने कहा, "इस तथ्य के मद्देनजर कि दो जांच एजेंसियों द्वारा दायर की गई दो रिपोर्टों में विरोधाभास प्रतीत होता है अब इस मामले की आगे की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जानी चाहिए।" साथ ही पीठ ने आदेश दिया है कि दोनों जांच एजेंसियां ​​इस संबंध में सीबीआई की सहायता करेंगी।

पहली रिपोर्ट में पाए गए दो आरोपी

मृतका के पिता ने शीर्ष अदालत में मामले की जांच करने के लिए याचिका दाखिल की थी। 5 सितंबर, 2017 को पीड़िता की अप्राकृतिक मौत हो गई। जिसके बाद उसके पिता ने 11 सितंबर, 2017 को जिला के न्यायिक पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई। शिकायत के संबंध में एक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें दो व्यक्तियों को भारतीय दंड संहिता 1860 (आईपीसी) की धारा 306/201 के तहत अपराध करने का आरोपी पाया गया था। 

दूसरी जांच एजेंसी ने पेश की क्लोजर रिपोर्ट

वहीं, राज्य पुलिस की दूसरी जांच एजेंसी की रिपोर्ट को लेकर महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने अदालत को सूचित किया कि CBCID ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 173(8) के तहत क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। इस बीच, मजिस्ट्रेट द्वारा 30 अक्टूबर, 2018 को मामला सत्र न्यायालय को सौंप दिया।

अनन्या दीक्षित, प्रथम वर्ष की छात्रा, 2017 में बरेली में श्री राम मूर्ति स्मारक आयुर्विज्ञान संस्थान में अपने छात्रावास के कमरे में पंखे से लटकी पाई गई थी। उसके दो रूममेट्स ने पुलिस को बताया था कि नोएडा निवासी अनन्या तनाव में थी और पिछले दो दिनों से बीमार होने के कारण कॉलेज नहीं गई थी।

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