'क्या उसने मर्डर किया है', SC ने पूर्व IAS प्रोबेशनर पूजा खेडकर को दी अग्रिम जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने अग्रिम जमानत देते हुए कई तर्क भी दिए हैं। पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण का लाभ उठाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कोई ड्रग माफिया या आतंकवादी नहीं है और न ही उसने कोई हत्या की है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर (Puja Khedkar) को बुधवार को बड़ी राहत दी है। पूजा खेडकर को फिलहाल अग्रिम जमानत मिल गई है। उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने का आरोप है।
क्या है आरोप?
आरोप है कि पूजा खेडकर ने ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने के लिए धोखाधड़ी की। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ती सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने खेडकर को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर को राहत देते हुए कहा, "उसने कौन सा गंभीर अपराध किया है? वह कोई ड्रग माफिया या आतंकवादी नहीं है। उसने हत्या नहीं की है और न ही वह NDPS अपराधी है।"
शीर्ष अदालत ने कहा, "आपके पास एक सिस्टम या सॉफ्टवेयर होना चाहिए। आप जांच पूरी करें। पूजा खेडकर ने सबकुछ खो दिया है और उसे अब कहीं भी नौकरी नहीं मिलेगी।"
पीठ ने क्यों दी राहत?
पीठ ने कहा कि मामलों के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय को याचिकाकर्ता को जमानत देनी चाहिए थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस के वकील ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत दिए जाने का कड़ा विरोध किया और कहा कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं।
बता दें, पूजा खेडकर पर 2022 UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने का आरोप है। हालांकि, पूजा खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है।
UPSC ने की कार्रवाई
यूपीएससी ने फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई की, जिसमें आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल है। दिल्ली पुलिस ने भी पूर्व आईएएस प्रोबेशनर के खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की है।
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