पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 21 अप्रैल तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक
पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। अदालत ने 21 अप्रैल तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसी दिन मामले की अगली सुनवाई होगी। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद खेडकर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 15 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। इसे समय-समय पर बढ़ाया भी गया।
पीटीआई, नई दिल्ली। ट्रेनी आईएएस रहीं पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर 21 अप्रैल तक रोक लगा दी है। उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और गलत तरीके से ओबीसी व दिव्यांग कोटे का लाभ लेने का आरोप है।
21 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
पूजा खेडकर के वकील ने दलील दी कि दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल जवाब पर प्रत्युत्तर प्रस्तुत कर दिया है। मगर यह रिकॉर्ड पर नहीं आया है। इस पर न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने गौर किया और मामले को 21 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। इसके अलावा न्यायालय की रजिस्ट्री से यह सत्यापित करने को कहा कि क्या खेडकर का प्रत्युत्तर दाखिल किया गया है?
शीर्ष अदालत ने मानी वकील की दलील
खेडकर के वकील ने कहा कि 15 जनवरी को गिरफ्तारी से दिया गया संरक्षण अगली सुनवाई तक बढ़ा दिया जाए। अदालत ने उनकी इस दलील को मान लिया और 21 अप्रैल तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। बता दें कि 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से खेडकर से कहा था कि वह एक सक्षम उम्मीदवार और एक विकलांग उम्मीदवार के रूप में परीक्षा पास करने के लिए अलग-अलग प्रयास नहीं कर सकती हैं।
एसजी ने कहा था- पूछताछ करना जरूरी
दिल्ली सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एसजी) एसवी राजू ने कहा था कि यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र तैयार करने के घोटाले में शामिल बिचौलियों तक पहुंचाने की खातिर पूजा खेडकर से हिरासत में पूछताछ करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले 15 जनवरी को पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। इसके अलावा अग्रिम जमानत की उनकी याचिका पर दिल्ली सरकार और यूपीएससी से जवाब मांगा था।
यूपीएससी ने दर्ज कराया है मामला
पूजा खेडकर पर आरोप है कि 2022 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आवेदन में उन्होंने गलत जानकारी दी है। हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया। यूपीएससी ने फर्जी पहचान बताकर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में खेडकर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है।
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