याचिका दायर करने में 1,612 दिनों की देरी माफ करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा एक दीवानी विवाद में प्रदेश सरकार की याचिका दाखिल करने में 1,612 दिनों की देरी माफ करने पर नाराजगी जताई। ...और पढ़ें
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सुप्रीम कोर्ट। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक दीवानी विवाद में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा प्रदेश सरकार की ओर से याचिका दाखिल करने में 1,612 दिनों की देरी माफ करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है।
शीर्ष अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या हाई कोर्ट को इस मुद्दे पर पूर्व के फैसलों के बारे में नहीं पता था।जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने एक सितंबर को राज्य सरकार से सही कारण पूछे बिना देरी माफ कर दी थी।
आदेश में क्या कहा गया?
पीठ ने पांच दिसंबर के आदेश में कहा कि समयसीमा और देरी माफ करने पर कानून बिल्कुल तय है। हाल में इस अदालत ने ऐसे फैसले दिए हैं जिनमें बताया गया है कि किस तरह उचित कारण और देरी माफ करने की अर्जी पर विचार करना चाहिए।
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि देरी कोविड महामारी के कारण हुई। इस पर कोर्ट ने कहा कि एक सितंबर के आदेश में ऐसा कोई कारण नहीं बताया गया। आदेश रद करते हुए पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट मामले पर नए सिरे से विचार करके नया आदेश जारी करेगा।

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