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    भूटान की जमीन हड़पने में जुटा चीन, विवादित सीमा में छह स्थानों पर बना रहा दो मंजिला इमारतें, सैटेलाइट तस्‍वीरों से खुलासा

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Thu, 13 Jan 2022 01:25 AM (IST)

    समाचार एजेंसी रायटर की ओर से किए गए सैटेलाइट इमेज विश्लेषण के अनुसार चीन ने भूटान के साथ अपनी विवादित सीमा पर दो मंजिला इमारतों समेत 200 से अधिक संरचनाओं के निर्माण में तेजी लाई है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

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    चीन तेजी से पड़ोसी देशों की जमीन और संसाधनों पर अतिक्रमण करने की नीति पर आगे बढ़ रहा है।

    नई दिल्‍ली, रायटर। चीन तेजी से पड़ोसी देशों की जमीन और संसाधनों पर अतिक्रमण करने की नीति पर आगे बढ़ रहा है। चीन का नया शिकार भूटान बना है। समाचार एजेंसी रायटर की ओर से किए गए सैटेलाइट इमेज विश्लेषण के अनुसार चीन ने भूटान के साथ अपनी विवादित सीमा पर दो मंजिला इमारतों समेत 200 से अधिक संरचनाओं के निर्माण में तेजी लाई है। चीन विवादित सीमा में छह स्थानों पर इन निर्माण कार्यों को अंजाम दे रहा है। अमेरिकी डेटा एनालिटिक्स फर्म हॉकआई-360 (HawkEye-360) की ओर से रायटर को मुहैया कराई गई तस्‍वीरें और विश्लेषण इस बात की तस्‍दीक करते हैं कि भूटान से लगते विवादित सीमाई इलाकों में चीन निर्माण कार्य कर रहा है।

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    बता दें कि हॉकआई-360 (HawkEye-360) जमीनी गतिविधियों की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए उपग्रहों की तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल करती है। हॉकआई-360 के मिशन एप्लिकेशन निदेशक क्रिस बिगर्स (Chris Biggers) का कहना है कि भूटान की पश्चिमी सीमा के साथ कुछ स्थानों पर चीन की निर्माण संबंधी गतिविधियां साल 2020 की शुरुआत से ही चल रही हैं। सैटेलाइट इमेजरी फर्म कैपेला स्पेस और प्लैनेट लैब्स द्वारा प्रदान की गई सामग्री में देखा जा सकता है कि चीन उक्‍त विवादित क्षेत्रों को साफ कर रहा है और पटरियों का निर्माण कर रहा है।

    क्रिस बिगर्स (Chris Biggers) ने कहा कि तस्‍वीरों से साफ है कि साल 2021 से काम में तेजी आई है। पहले छोटे ढांचे बनाए गए थे (संभवतः निर्माण सामग्रियों और आपूर्ति के लिए) इसके बाद नींव रखी गई और फिर इमारतों का निर्माण किया गया। कैपेला स्पेस (Capella Space) द्वारा नए निर्माण के स्थानों और हाल ही में ली गई उपग्रह छवियों का अध्ययन करने वाले दो अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि सभी छह बस्तियां चीन और भूटान द्वारा विवादित क्षेत्र में प्रतीत होती हैं। इसमें लगभग 110 वर्ग किलोमीटर का एक विवादित क्षेत्र भी शामिल है। इस इलाके में आबादी न के बराबर है।

    इस मसले पर समाचार एजेंसी रायटर ने भूटान के विदेश मंत्रालय से बात किया। भूटान के विदेश मंत्रालय ने रायटर ने कहा कि देश की नीति है कि सरकार जनता के बीच सीमा के मुद्दों पर बात न करे। इसके बाद मंत्रालय ने आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं विशेषज्ञों और भारत के एक रक्षा सूत्र का कहना है कि चीन के हालिया निर्माण से पता चलता है कि वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को ठोस रूप देकर अपने सीमा दावों को हल करने पर आमादा है। 

    वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मसले पर कहा है कि हालिया निर्माण पूरी तरह से स्थानीय लोगों के रहने की स्थिति में सुधार के लिए हैं। यह चीन की संप्रभुता के‍ हित में है कि वह अपने क्षेत्र में सामान्य निर्माण गतिविधियों को अंजाम दे... विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की ओर से बसाई गई बस्‍त‍ियां उसे रणनीतिक मजबूती प्रदान करती हैं। नया निर्माण भारत, भूटान और चीन की सीमाओं के जंक्शन पर डोकलाम क्षेत्र से नौ से 27 किमी दूर है जहां 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच दो महीने से अधिक समय तक गतिरोध बरकरार रहा था।