राजनीति में सक्रिय हुई शशिकला की मांग को श्रीलंका के राष्ट्रपति ने स्वीकारा
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की उत्तराधिकारी के तौर पर देखी जा रही शशिकला के एक निवेदन को श्रीलंकाई सरकार ने स्वीकार कर लिया है।

चेन्नई (जेएनएन)। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना और उनके एक मंत्री अरुमुगम थोंडामन ने मछुआरों के मुद्दे को लेकर तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की राजनैतिक वारिस के तौर पर देखी जा रही शशिकला को एक पत्र लिखा है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने शशिकला के आग्रह को स्वीकार करते हुए कटछटहीवू चर्च फेस्टिवल (महोत्सव) में 100 मछुआरों को शामिल होने की अनुमति दे दी है। इसे शशिकला की पहली राजनैतिक उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।
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इससे पहले श्रीलंका की सरकार ने कचछाटीवू आइलेट में नवनिर्मित सेंट एंटनी चर्च के शुभारंभ समारोह में केवल 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी थी।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद 7 दिसंबर को श्रीलंका के पशु और ग्रामीण विकास मंत्री अरुमुगम थोंडामन ने अपने भतीजे और उवा प्रांत के मुख्यमंत्री सैंथिल थोंडामन ने पोस गार्डन स्थित बंगले में शशिकला से मुलाकात कर राष्ट्रपति का शोक संदेश सौंपा था।
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एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए सैंथिल थोंडामन जो इस समय तमिलनाडु के दौरे पर हैं, ने बताया, "शशिकला चाहती थी कि श्रीलंका की सरकार चर्च सेरेमनी में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से ज्यादा मछुआरों को शामिल होने की अनुमति दी जाए।" उन्होंने कहा कि सद्भावना और मित्रता के तहत राष्ट्रपति ने मछुआरों की संख्या 20 से बढ़ाकर 100 करने पर सहमति व्यक्त की।
हालांकि राष्ट्रपति की तरफ से इस बारे में एक थोंडामन ने एक पन्नीरसेल्वम को उनके सचिवालय में एक आधिकारिक पत्र सौंपा, इसमें, "मिसेज शशिकला, नं.1, पोस गॉर्डन, चेन्नई- 68" का पता लिखा गया है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमिलनाडु की राजनीति में शशिकला की अहमियत और स्वीकार्यता को दर्शाता है।

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